नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की. लोकसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर हुई चर्चा पर वित्त मंत्री पीयूष गोयल के जवाब के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में जिन सारे सदस्यों ने राफेल डील का मुद्दा उठाया है, उसका उन्होंने (सरकार ने) खुलासा नहीं किया. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने स्वीकार तो किया है लेकिन जवाब नहीं दिया. उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए.


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खड़गे ने राफेल सौदे की जेपीसी जांच कराने की भी मांग दोहराई. इस संबंध में सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. इस पर, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस और संप्रग के सदस्य सदन से वाकआउट कर रहे हैं . 2019 में जब चुनाव होंगे तब वे चुनाव के मैदान से भी वाकआउट हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि वे (कांग्रेस) हताश हैं, निराश हैं और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. राफेल के बारे में जो कुछ कहा गया है, उसे रिकार्ड से हटाया जाए.


इससे पहले लोकसभा में वर्ष 2018 - 19 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों - प्रथम बैच पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को फ्रांस के साथ किए गए समझौते के गोपनीय प्रावधान को सदन में पेश करने को कहा.


उन्होंने कहा कि राफेल विमानों के लिए संप्रग सरकार के समय किए जाने वाले अनुबंध के तहत 108 विमानों का निर्माण भारत में होना था. यह निर्माण एचएएल में होना था जबकि 18 विमान ही फ्रांस से आने थे. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत 50 फीसदी राशि इस देश में खर्च की जानी थी. लेकिन सरकार ने इन सभी शर्तों को हटा दिया. इस पर, सदन में शोरगुल के दौरान भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा कि यह गोपनीय कागजात हैं और इस तरह किसी पर कैसे आरोप लगाए जा सकते हैं.


वेणुगोपाल ने राफेल सौदे को एक बड़ा घोटाला बताते हुए इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराए जाने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चीजों को छिपा रही है तथा गोपनीयता के नाम पर देश को लूटा जा रहा है.


(इनपुट - भाषा)