Online Food Delivery: घर बैठे खाना मंगाना भी अब आम बात हो चली है. ऐसे में लोग अपनी मर्जी से खाना मंगाते हैं और साथ ही कुछ स्पेशल डिमांड नोट लिखना होता है तो लिख देते हैं. ऐसे में एक शख्स ने डिमांड के स्थान पर ऐसी मांग लिख दी जिससे विवाद छिड़ गया. 


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शख्स की अजीबोगरीब डिमांड 



मामला तेलंगाना का है, जहां एक कस्टमर ने अपने ऑर्डर के साथ कंपनी से रिक्वेस्ट की ‘मुस्लिम व्यक्ति के हाथ से खाना ना भेजें’. कस्टमर की इस रिक्वेस्ट का स्क्रीनशॉट अब तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर खूब रिएक्शन आ रहे हैं. कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. इसी बीच कार्ति पी. चिदंबरम ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल यह ऑर्डर तेलंगाना के हैदराबाद का है, जहां एक कस्टमर ने 29 अगस्त को दोपहर 12 बजे के आसपास एक फूड डिलीवरी कंपनी से खाना ऑर्डर किया. इस ऑर्डर में कस्टमर ने महादेवपुरी के घर से 3 किमी की दूरी से खाना ऑर्डर किया. इसी ऑर्डर के स्पेशल इंस्ट्रक्शन में कस्टमर ने लिखा- Don't want a Muslim delivery person. इस मामले में तेलंगाना में ऐप और गिग वर्कर्स के एक संगठन के प्रमुख शाइक सलाउद्दीन ने ट्वीट किया और संबंधित कंपनी से कार्रवाई की मांग की. इसी ट्वीट पर कांग्रेस के नेता और शिवगंगा से सांसद कार्ति पी. चिंदबरम ने भी रिप्लाई किया.


स्टैंड लेने की गुहार


शाइक सलाउद्दीन ने ट्वीट किया कि प्रिय स्विगी, कृपया इस तरह के एक बड़े अनुरोध के खिलाफ एक स्टैंड लें. हम (डिलीवरी वर्कर) यहां एक ओर सभी को खाना पहुंचाने के लिए हैं, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख हो. मजहब नहीं सिखता आपस में बैर रखना.


सांसद ने की जांच की मांग


शाइक के इसी ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कार्ती चिदंबरम ने लिखा- प्लेटफॉर्म कंपनियां इस मामले में चुपचाप नहीं बैठ सकती. वो धर्म के नाम पर गिग वर्कर्स के साथ हो रही इस तरह की धर्मांधता को देखती नहीं रह सकती, उन्हें देखना होगा कि गिग वर्कर्स को क्या-क्या झेलना होता है. गिग वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ये कंपनियां किस तरह का कदम उठाएंगी?



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