Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन कई जिलों तक पहुंच चुका है. इस दौरान कई लोगों ने आरक्षण के समर्थन में जान दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि यह आंदोलन अभी और भड़केगा. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे ने बिगड़ रहे हालात को देखते हुए बुधवार को सर्वदलीय बैठक को बुलाई थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण पर दो तरह से काम जारी है.  वहीं, आरक्षण को लेकर किए जा रहे मराठा आंदोलन में होने वाली आत्महत्याओं को मंडल कमीशन के बाद सबसे अधिक बताया जा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन से पूरा राज्य जल रहा है. यह आंदोलन अब पूरी तरह से उग्र हो चुका है. इस दौरान प्रदर्शनकारी कुछ राजनेताओं के घर और ऑफिसों को आग के हवाले कर चुके हैं. आरक्षण को लेकर उग्र होते जा रहे प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. 


महाराष्ट्र में जबसे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ है, तबसे लेकर अब तक 25 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. बीते मंगलवार ही बात करें तो एक ही दिन में  9 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. बताया जा रहा है कि आरक्षण को लेकर हुए आंदोलन में यह संख्या 1990 के मंडल आंदोलन के दौरान की गईं आत्महत्याओं के आंकड़े के बाद सबसे अधिक है. हिंसक हो चुके इस आंदोलन की शुरुआत सितंबर से हुई थी. 


बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2021 में महाराष्ट्र के मराठा कोटा कानून को रद्द कर दिया था. इसके बाद से लोग मराठाओं के लिए ओबीसी दर्जे की मांग कर रहे थे. वहीं, आंदोलन की शुरुआत 1 सितंबर से हुई थी. आंदोलन के समर्थन में अब तक 2 सांसद और 4 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.