P Chidambaram: मोरबी हादसे पर चिदंबरम का BJP पर हमला, कहा- न किसी ने न माफी मांगी, न दिया इस्तीफा
Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे चिदंबरम ने कहा, `गुजरात की सरकार ‘दिल्ली से चलाई’ जाती है.` उन्होंने मोरबी में हुए ब्रिज हादसे को लेकर भी बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा. आपको बताते चलें कि गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरण में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी.
P Chidambaram on BJP and Morbi accident: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि मोरबी पुल हादसे को लेकर अब तक किसी ने न माफी मांगी और न इस्तीफा दिया, जबकि इस भयानक हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी.
दिल्ली से चलती है गुजरात की सरकार: चिदंबरम
राज्य में कांग्रेस के लिए प्रचार करने आए चिदंबरम ने अपनी रैली में बीजेपी पर आरोप लगाया कि गुजरात की सरकार ‘दिल्ली से चलाई’ जाती है, उसके मुख्यमंत्री द्वारा नहीं. आपको बताते चलें कि गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरण में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी और वोटों की गिनती यानी मतगणना 8 दिसंबर को होगी.
'न माफी मांगी न इस्तीफा दिया '
चिदंबरम ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है इतने बड़े हादसे के लिए न किसी ने माफी मांगी है और न किसी ने इस्तीफा दिया. अगर ऐसा विदेश में कहीं हुआ होता तो तुरंत इस्तीफे लिए गए होते.’ उन्होंने कहा, ‘माफी इसलिए नहीं मांगी गई क्योंकि सरकार को लगता है कि वह आगमी चुनाव आसानी से जीत सकती है और उन्हें हादसे के लिए जवाबदेह होने की जरूरत नहीं है.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘उन राज्यों में जहां लोग सरकार को हराते हैं, वे जवाबदेह महसूस करते हैं. मैं गुजरात के लोगों से इस सरकार को बदलने और कांग्रेस को मौका देने की अपील करता हूं.’
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने के सवाल पर चिदंबरम ने आरोप लगाया, ‘वे बीजेपी के नौकर हैं. ऐसी एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में से 95 प्रतिशत विपक्षी दलों के राजनेता हैं.’
बीजेपी की अगुवाई वाली राज्य सरकारों द्वारा समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए समिति बनाने की घोषणा करने के सवाल पर चिदंबरम ने कहा, ‘एक बच्चा भी जानता है कि समान नागरिक संहिता राज्यों द्वारा नहीं, बल्कि संसद में पारित कानून द्वारा लागू की जा सकती है.’
(इनपुट: पीटीआई भाषा)
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