नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने वाले ऐतिहासिक फैसले को 5 अगस्त को एक वर्ष हो जाएगा. जब भारत इस ऐतिहासिक फैसले का जश्न मना रहा होगा तो पाकिस्तान भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में पूरी ताकत लगा रहा होगा. इसके लिए उसने 18 बिंदुओं वाला दुष्प्रचार प्लान तैयार किया है. इसमें सिलसिलेवार पूरा ब्यौरा दिया गया है कि 5 अगस्त से पहले क्या तैयारी होगी और 5 अगस्त के दिन किसको, क्या-क्या करना है.जैसे उस दिन काला दिवस मनाकर पाकिस्तान की सेना कश्मीर के समर्थन में Tweets करेगी. 


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पाकिस्तान के टीवी चैनल्स में लोगो ब्लैक रखे जाएंगे
इस दिन पाकिस्तान के अख़बारों में लेख छपवाए जाएंगे. पाकिस्तान के टीवी चैनल्स में Logo ब्लैक करने को कहा जाएगा. साथ ही उन पर भारत विरोधी विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे. ऐसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और कश्मीर के ऐसे नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बयान दिखाए जाएंगे, जो भारत सरकार की आलोचना करते हैं. अपने दुष्प्रचार को मजबूती देने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर का दौरा करेंगे और वहां की तथाकथित विधानसभा में भाषण देंगे. दूसरे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान शायद दुनिया का इकलौता देश होगा. जिसे कोरोना के संकट में भी अपने देश की परवाह नहीं है बल्कि उसे दूसरे देशों के मामलों में ज़्यादा दिलचस्पी है.


पाकिस्तान में निकाली जाएंगी भारत विरोधी रैलियां
सिर्फ यही नहीं, पाकिस्तान 5 अगस्त के दिन अपने यहां भारत विरोधी रैलियां करेगा. ऐसी ही रैलियां और कार्यक्रम वो दूसरे देशों में बने पाकिस्तान के दूतावासों में भी करेगा. पाकिस्तान इस दिन टर्की और मलेशिया के प्रधानमंत्री और चीन के विदेश मंत्रालय से भी Tweet करवाएगा या बयान दिलवाएगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के दोस्तों में इस वक्त सिर्फ यही तीन देश बचे हैं. जिनके सहारे पाकिस्तान टेरर फंडिंग के मामले में FATF जैसी संस्था से ब्लैकलिस्ट होने से बचता रहा है. 


भारतीय नेताओं के सरकार विरोधी बयानों को 'कैश' करने की तैयारी
पाकिस्तान के 18 सूत्रीय प्लान का आखिरी बिंदु बहुत दिलचस्प है. इसमें भारत सरकार की आलोचना करने वाले भारत के नेताओं की बात की गई है. जिसका मतलब ये है कि भारत के ऐसे नेताओं के बयानों और सरकार की आलोचना का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने दुष्प्रचार के लिए करेगा और इन नेताओं के बयानों को प्रमुखता से दिखाएगा. इन नेताओं का नाम तो नहीं लिखा गया है लेकिन अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान, भारत के कौन से नेताओं की बात कर रहा है. जो अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले की आलोचना करते रहे हैं. साथ ही पाकिस्तान को उसके दुष्प्रचार के लिए अपने बयानों से एक तरह का बारूद देते रहे हैं. इनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी चिदंबरम, गुलाम नबी आज़ाद, मणिशंकर अय्यर जैसे  कांग्रेस के नेता प्रमुख रहे हैं.


भारत के ऐसे नेताओं के बयानों का इस्तेमाल पाकिस्तान पहले भी करता रहा है. फिर चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो या फिर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने वाला फैसला हो. याद रखने वाली बात ये है कि राहुल गांधी के कुछ बयानों का इस्तेमाल पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भी भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में किया था. दरअसल अपनी राजनीति की वजह से जाने अनजाने हमारे यहां नेता ऐसी बातें कर जाते हैं. जिससे पाकिस्तान को फायदा होता है और वो इसके सहारे दुनिया भर में भारत की छवि को खराब करने की कोशिश करता है. ऐसे नेताओं को याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान भले ही कश्मीर पर दुष्प्रचार करके अपने लोगों को धोखा देता रहे. लेकिन वो अपनी इस साज़िश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कभी कामयाब नहीं हो पाएगा.


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