Terror Attack Conspiracy: आतंक का `मिशन 15 अगस्त`, भारत को दहलाने के लिए पाकिस्तान ने अब रची ये साजिश
Terror attack input 15 August 2022: अलर्ट के मुताबिक पाकिस्तान (Pakistan) से आए आतंकी पीओके (PoK) के जरिए भारत (India) की सीमा में घुसने की तैयारी में हैं. आतंकवादी मेटल डिटेक्टर को चकमा देने वाले सॉफिस्टिकेटेड आईईडी (IED) का इस्तेमाल करके बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते हैं.
Pakistan terror threat: देश पर आतंकी हमले को लेकर एजेंसियों को एक बड़ा खुफिया अलर्ट मिला है. इस खुफिया इनपुट के मुताबिक इस बार देश में स्वतंत्रता दिवस (Indipendence Day) से पहले पाकिस्तानी आतंकवादी देस में मल्टी अटैक करने की फिराक में हैं. आतंकी इस बार संवेदनशील जगहों पर एक साथ अटैक करने की रणनीति बना चुके हैं. एजेंसी सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी हथियारों के तौर पर हर बार की तरह बम और गन के जरिए दहशत फैलाना चाहते हैं. खासकर आत्मघाती हमलों को अंजाम देने के लिए उन्होंने कार और ट्रक को स्टिकी बम के जरिए निशाना बना सकते हैं.
मल्टी अटैक पर फोकस
सबसे बड़ा इनपुट ड्रोन हमलों का है. आतंकी इसके लिए पूरी तैयारी कर रहे है और विभिन्न जगहों पर मल्टी अटैक कर सकते हैं. इस इनपुट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियां काफी चौकसी बरत रही हैं. दरअसल इस बार सुरक्षा एजेंसियों को स्वतंत्रता दिवस के साथ साथ अन्य दिनों में भी अलग-अलग तरह के संभावित खतरे से सतर्क रहने को कहा गया है. इसमें तकनीक के इस्तेमाल से लेकर लांचिंग पैड और आतंकियों की घुसपैठ कराने तक की बात सामने आई है.
इन हथियारों का हो सकता है इस्तेमाल
आतंकवादी विस्फोटक बमबारी और आग लगाने वाली बमबारी (जैसे मोलोटोव कॉकटेल) दोनों का उपयोग कर सकते हैं. वो लेटर और पार्सल बमों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आतंकवादी इस बार हत्याओं यानी नरसंहार करने के लिए अत्याधुनिक बंदूकें, पिस्तौल, रिवॉल्वर, राइफल और स्वचालित हथियारों का उपयोग कर सकते हैं. आतंकियों द्वारा आरपीजी का इस्तेमाल भी हो सकता है.
ड्रोन अटैक का इनपुट
जो ख़ुफिया अलर्ट मिला है उसमें पहला अलर्ट ड्रोन अटैक कर के तबाही मचाने का है. खुफिया अलर्ट में जिक्र किया गया है कि आतंकी इसके लिए पीओके में ड्रोन से निशाना लगाने का अभ्यास भी कर रहे हैं. दूसरे इनपुट में अलर्ट यह है कि आतंकी मेटल डिटेक्टर को चकमा देने वाले सॉफिस्टिकेटेड आईईडी का इस्तेमाल करके बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते हैं. एजेंसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश की अलग अलग अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्लीपर सेल के पास ड्रोन के जरिए असलहा और बारूद पहुंचाने का भी इनपुट एजेंसियों को मिला है.
इनपुट में दिए गए खुफिया अलर्ट में सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी संदिग्ध चीज अगर किसी सार्वजनिक स्थान पर मिले तो उसकी बेहद सावधानी से जांच करें. अगर बम हो तो उसे डिफ्यूज करने में भी ज्यादा सावधानी बरतें, क्योंकि सॉफिस्टिकेटेड आईईडी मेटल डिटेक्टर को भी चकमा दे सकता है. इसलिए जितने भी जवान मेटल डिटेक्टर पर तैनात रहे वो भी खास सावधानी बरतें और सही से जांच करें.
यहां है आतंकी जमावड़ा
तीसरे इनपुट में साफ-साफ लिखा है कि आतंकियों का एक जत्था पीओके (PoK) में कोटिल (KOTIL) नाम के लॉन्चिंग पैड से जबकि दूसरा पीओके में डाटोटे (DATOTE) नाम के लांचिग पैड से देश में घुसपैठ की फिराक में है. साथ ही तीसरा रूट जो आतंकी इस्तेमाल कर सकते हैं वो पश्चिम बंगाल सीमा हो सकती है. वहीं चौथा रास्ता राजस्थान और पंजाब बॉर्डर हो सकता है जहां से आतंकी भारत की सीमा में दाखिल हो सकते हैं. इसी तरह आतंकवादी पांचवे रूट के तौर पर नार्थ-ईस्ट के रास्ते देश में आकर दिल्ली और आस पास के राज्यों तक पहुंच सकते हैं.
चौथा अलर्ट
चौथे अलर्ट में यह साफ लिखा गया है कि हवा में उड़ने वाली चीजों पर सुरक्षा कर्मियों की पैनी नजर होनी चाहिए. हालांकि ड्रोन हमले की आशंका के मद्देनजर संवेदनशील जगहों पर हवा में उड़ने वाले सभी उपकरणों पर रोक लगाने का आदेश जारी करने की बात लिखी गई है. इसके तहत मिले ख़ुफिया अलर्ट के इनपुट मे पैरा-ग्लाइडर, पैरा-मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से चलने वाले विमान, हॉट एयर बैलून, छोटे आकार के बैटरी से चलने वाले एयरक्राफ्ट, क्वाडॉप्टर्स और पैरा जंपिंग उड़ान पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कहीं गई है.
नेटवर्किंग पर जोर
पांचवी एक और महत्वपूर्ण बात यह भी है कि खुफिया अलर्ट में ये साफ कहा गया है कि आतंकियों के राडार पर महत्वपूर्ण सिक्योरिटी इंस्टॉलेशन और आर्मी की फॉरवर्ड पोस्ट हैं और इसके अलावा आतंकी जवानों को भी टारगेट बना सकते हैं. इस ख़ुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने विभिन्न प्रदेशों की पुलिस, जीआरपी, और कई प्रदेशों की खुफिया इकाइयों को विस्तार से जानकारी भेजी गई है. इस इनपुट में चौकसी और कड़ी करने एवं स्थानीय लोगों के संपर्क के जरिए संदिग्धों के बारे में लगातार इंफॉर्मेशन का नेटवर्क बढ़ाने को कहा गया है.
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