भारत में फिर पठानकोट पार्ट-2 दोहराने की कोशिश, इस बार निशाने पर हैं ये सैन्य ठिकाने
जैश-ए-मोहम्मद (Jaish A Mohammed) के आतंकी एक बार फिर भारत (India) के सैन्य ठिकानों पर पठानकोट एयरबेस जैसे हमले (Pathankot-like attack) की साजिश रच रहे हैं.
नई दिल्ली: जैश-ए-मोहम्मद (Jaish A Mohammed) के आतंकी एक बार फिर भारत (India) के सैन्य ठिकानों पर पठानकोट एयरबेस जैसे हमले (Pathankot-like attack) की साजिश रच रहे हैं. हालांकि इस बार आतंकियों के निशाने पर राजस्थान के सैन्य ठिकाने हैं.
पठानकोट हमले के 5 साल बाद हमले की साजिश
बता दें कि 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले को 5 साल पूरे होने को हैं. करीब 5 साल बाद पाकिस्तान के पाले हुए आतंकी एक बार फिर वैसी ही साजिश रच रहे हैं. भारत की सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि भारत के सैनिक ठिकाने एक बार फिर पाकिस्तानी आतंकियों के निशाने पर हैं.
आईएसआई कर रही है आतंकियों की मदद
इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों की मदद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कर रही है. आईएसआई ने इस हमले को पूरा करने की जिम्मेदारी दिल्ली में रहने वाले अपने एक मौलाना को सौंपी है. सुरक्षा एजेंसियों को इस मौलाना के बारे जो जानकारी मिली है. उसके मुताबिक वो अफगानिस्तान में भी जैश-ए-मोहम्मद के लिए ऑपरेशन संभाल चुका है.
राजस्थान का सैन्य ठिकाना आतंकियों के निशाने पर
खबर मिली है कि इस बार इन आतंकियों के निशाने पर राजस्थान में कोई सैन्य ठिकाना है. यह हमला भी इसी महीने के अंत तक होना है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस बार फिर भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर हमला हो सकता है. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां उस रहस्यमयी मौलाना के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने में जुटी हैं.
पाकिस्तान में 40 हजार आतंकी मौजूद
बता दें कि जब पूरी दुनिया कोरोना से जंग करने में लगी है. तब पाकिस्तान आतंकियों की भर्ती में व्यस्त है. सूत्रों के मुताबिक इस वक्त पाकिस्तान में करीब 40 हजार से अधिक आतंकी मौजूद हैं. कुख्यात हाफिज सईद से लेकर सलाहुद्दीन तक सब पाकिस्तान की जमीन पर ही पल रहे हैं. इन आतंकियों में 16 को संयुक्त राष्ट्र तक ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा है.
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पाकिस्तान प्रेमी मुल्कों ने साध रखी है आतंकियों पर चुप्पी
पाकिस्तान और उसके चाहने वाले मुल्क न सिर्फ इन आतंकियों पर मौन रहते हैं बल्कि जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों का खुलेआम समर्थन भी करते हैं. इन सबके बावजूद हिंदुस्तान एक बार फिर इन आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए तैयार खड़ा है. यदि आतंकियों ने हमले की जुर्रत की तो पाकिस्तान को एक बार फिर करारी चपत लगनी तय है.
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