Parliament Security Breach Investigation: संसद में घुसपैठ मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को पता चला है कि मैसूर में जब सब आरोपियों ने आपस में मुलाकात की थी. बैठक के लिए मनोरंजन ने ही रेल की टिकट का भुगतान किया था.


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इस बैठक की वजह सोशल मीडिया पर एक जैसी पसंद थी. जब इन्होंने देखा कि सब एक जैसी पोस्ट को लाइक कर रहे है और सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे है तोआपस में मिलने का प्लान बनाया गया.


बैठक के बाद Signal App पर बनाया नया ग्रुप
मैसूर में मुलाकात के बाद इन्होंने अपना एक अलग से ग्रुप बनाया था जिसमें सिर्फ संसद घुसपैठ से जुड़े मुद्दे पर ही बात होती थी. ये ग्रुप WhatsApp पर ना बना कर Signal App पर बनाया गया था जो ज़्यादा सिक्योरिटी फ़ीचर्स के साथ है.


6 WhatsApp ग्रुप में भी शामिल थे आरोपी
अभी तक की जांच के मुताबिक़ ये लोग करीब 6 WhatsApp ग्रुप में भी शामिल थे जो भगत सिंह और चंद्रशेखर के नाम से बनाये गये थे.


पुलिस अब इनके द्वारा इस्तेमाल किए गए सिमकार्ड की डिटेल और इंटरनेट हिस्ट्री निकालने की कोशिश करेगी ताकी जांच से जुड़े तथ्यों का पता लगाया जा सके. जिस तरह से इन लोगों ने अपने मोबाइल को तोड़ कर जलाया है उससे पुलिस को शक है कि ये लोग अपनी क्लाउड हिस्ट्री को भी डिलिट कर चुके होंगे.


इसलिए पुलिस इस मामले की जांच के लिये CERT- Computer Emergency Response Team की भी मदद लेगी ताकी इनकी इमेल, क्लाउड हिस्ट्री को निकाल सबूतों को जुटाया जा सके.


बता दें संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन पिछले बुधवार को, सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया.


इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया.


दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए अब तक छह लोगों- सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है. उन पर कड़े गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.