Parliament Session: लोकसभा में तीसरी बार गांधी परिवार के किसी सदस्य को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी मिली है. राजीव गांधी, सोनिया गांधी के बाद अब राहुल गांधी यह जिम्मेदारी निभाते दिखेंगे. यह चुनौतीपूर्ण पद ऐसा होता है जिस पर बैठा शख्स सत्ता के केंद्र यानी प्रधानमंत्री से सीधे सवाल जवाब करता है. नोकझोंक भी खूब होती है. उसे सत्तापक्ष को सुनने और सरकार को घेरने की रणनीति के लिए तैयार रहना होता है. ऐसा ही कुछ 2003 में हुआ था जब सोनिया गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं और प्रधानमंत्री थे अटल बिहारी वाजपेयी. संसद में सोनिया गांधी ने भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. जवाब देने के लिए जब वाजपेयी खड़े हुए तो उन्होंने सोनिया को जमकर सुनाया था. वो वीडियो आज भी देखा जाता है. 


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वाजपेयी बोले, मैं तो दंग रह गया...


वाजपेयी ने कहा, 'मैं तो दंग रह गया जब मैंने श्रीमती सोनिया जी का भाषण पढ़ा. उन्होंने सारे शब्द इकट्ठे कर दिए हैं एक ही पैरे में. incompetent (अक्षम), irresponsible (गैर जिम्मेदार) and corrupt (भ्रष्ट)'. भाजपा सरकार के लिए सोनिया ने अंग्रेजी में जो शब्द कहे थे, उसे पढ़ते हुए वाजपेयी के चेहरे की भाव-भंगिमा बिल्कुल अलग थी. वह तमतमाए हुए थे. 


कुछ सेकेंड रुकने के बाद उन्होंने फिर से बोलना शुरू किया, 'राजनीतिक क्षेत्र में जो आपके साथ कंधे से कंधा लगाकर काम कर रहे हैं इसी देश में... मतभेद होंगे. उनके बारे में ये आपका मूल्यांकन है? मतभेदों को प्रकट करने का ये तरीका है? ऐसा लगता है कि शब्दकोष खोलकर बैठ गए और ढूंढ-ढूंढकर शब्द निकाले गए हैं. लेकिन ये शब्दों का खेल नहीं है.'


जब तक लोग चाहेंगे हम रहेंगे...


उन्होंने नेता विपक्ष सोनिया गांधी की तरफ इशारा करते हुए तल्ख लहजे में कहा कि हम यहां लोगों से चुनकर आए हैं, जब तक लोग चाहेंगे हम रहेंगे. आपका मैंडेट कौन होता है हमारा फैसला करने वाला. सोनिया ने कहा था कि इस सरकार ने जनादेश के साथ विश्वासघात किया है, इस लाइन को पढ़ते हुए वाजपेयी ने दो टूक कहा कि किसने आपको जज बनाया है? यहां तो शक्ति परीक्षण के लिए तैयार नहीं हैं, जब असेंबली के चुनाव होंगे तब हो जाएंगे दो-दो हाथ. लेकिन ये क्या है? (भाषण की तरफ इशारा करते हुए)


शोर होने लगा तो वाजपेयी ने कहा कि सभ्य तरीके से लड़िए. इस देश की मर्यादा का ध्यान रखिए. (नीचे पूरा वीडियो देखिए) 



आज से राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे तो उन्हें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीखे हमलों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.