Delhi Politics news:  बौद्ध धम्म दीक्षा को लेकर एक कार्यक्रम में दिल्ली के तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शामिल हुए. दिल्ली में 5 अक्टूबर को आयोजित हुए इस कार्यक्रम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में दिलाई गई शपथ को लेकर बड़ा बवाल हो गया जिसमें हिंदू देवी-देवता और मूर्ति पूजा न करने की शपथ दिलाई गई थी. हिंदू देवी-देवताओं के बहिष्कार की प्रतिज्ञा ली गई. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को साझा किया गया. हंगामा बढ़ने पर 9 अक्टूबर को राजेंद्र पाल गौतम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेज दिया. भले ही राजेंद्र पाल ने इस इस्तीफे को खुद की पहल बताई हो लेकिन खबर थी कि राजेंद्र पाल से मुख्यमंत्री केजरीवाल काफी खफा थे.


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दिल्ली का अगला मंत्री कौन?


इस इस्तीफे के बाद कयास लगने लगे कि दिल्ली मंत्रिमंडल का नया मंत्री आखिर कौन होगा? हालांकि ये पहले से ही स्पष्ट था कि पार्टी किसी दलित चेहरे को ही मंत्रिमंडल में जगह देगी. ऐसे में अब पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद का नाम प्रस्ताव में आज एलजी को भेजा जा सकता है.


कौन हैं राजकुमार आनंद?


राजकुमार आनंद को साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पटेल नगर से टिकट दिया गया था. करीब 61 फीसदी वोटों के साथ राजकुमार ने चुनाव जीत हासिल की. मंत्री पद की दौड़ में राजकुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है. जाटव समाज से आने वाले राजकुमार आनंद पार्टी के प्रमुख चेहरे में से एक हैं और अरविंद केजरीवाल के करीबी भी माने जाते हैं. राजकुमार आनंद ने यूपी से अपनी पढ़ाई पूरी की. पॉलिटिकल से एमए किया है. इनकी पत्नी वीना आनंद भी 2013 में विधायक रह चुकी हैं.


ये है राजकुमार आनंद की जीवनयात्रा


आपको बता दें कि पटेल नगर विधानसभा के विधायक राजकुमार आनंद की अब तक की जीवनयात्रा बेहद संघर्षपूर्ण रही है. आर्थिक अभाव के चलते न चाहते हुए भी इनके माता-पिता को इन्हें इनके नाना-नानी के पास अलीगढ़ भेजना पड़ा. परिवार की आर्थिक स्थिति भी उतनी अच्छी नहीं थी जिससे वे राजकुमार को पढ़ा पाए.


ऐसे हुई प्रारंभिक शिक्षा


राजकुमार आनंद को अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए अलीगढ़ के ताला फैक्ट्री में एक बाल मदूर के तौर पर काम करना पड़ा. आगे की एम ए और एलएलबी तक की अपनी शिक्षा इन्होंने ट्यूशन पढ़ा कर पूरी की. फैक्ट्रियों के बाहर फेके गए फोम से तकिया बनाने से लेकर रेक्सीन लेदर के एक सफल व्यवसायी बनने तक का इनका सफर देखने में भले ही एक रेखीय और सरल नज़र आये लेकिन असल में यह कई मुश्किलों और झंझावतों होकर गुजरा है.



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