Hassan Nasrallah Jammu Kashmir News: लेबनान में हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद दुनिया के अधिकतर मुस्लिम देश चुप हैं और कई सुन्नी देशों में मिठाइयां तक बंट रही हैं. वहीं भारत में इसका उल्टा हो रहा है. सैकड़ों लोगों को मरवाने वाले आतंकी नसरल्लाह की मौत पर शिया समुदाय के लोग लगातार जुलूस निकालकर अपना शोक जता रहे हैं. आज भी जुमे की नमाज के बाद शिया समुदाय के लोगों ने मध्य और उत्तरी कश्मीर में नारे लगाते हुए कई जुलूस निकाले, जिसमें शामिल बैनर्स में लिखा था, "कश्मीर हिजबुल्लाह बनेगा, कितने नसरुल्लाह को मारोगे, हर घर से नसरुल्लाह निकलेगा." 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बारामूला में निकाला गया जुलूस


बारामूला जिले के सिंहपोरा के अंदरूनी इलाकों में ऐसा ही एक जुलूस निकाला गया. जहां पर सैकड़ों युवाओं ने हसन नसरुल्ला की तस्वीरें ले रखी थीं. इसके साथ ही वे आतंकी संगठन हिजबुल्ला, ईरान और फिलीस्तीन के झंडे फहरा रहे थे. इसके साथ वे हिजबुल्ला और नसरुल्ला के समर्थन में भड़काऊ नारे लगा रहे थे. 


श्रीनगर बारामुल्ला राजमार्ग समेत लगभग 7 किलोमीटर तक चले जुलूस में शामिल लोगों ने कहा कि यह एक शोक जुलूस है, जिसमें वे हसन नसरुल्ला की याद में भाग ले रहे हैं. जुलूस में शामिल लोगों ने दावा किया कि नसरल्लाह एक शहीद था, जिसने फिलिस्तीन के लोगों को क्रूरता से बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. 


हसन नसरल्लाह को बताया अपना हीरो


नारे लगा रहे लोगों ने कहा कि हम फिलिस्तीन पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नसरुल्लाह बिना लोगों का मजहब देखे दुनिया के आम लोगों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ रहा था. जबकि अमेरिका और इजरायल दो आतंकवादी हैं, जो दुनिया भर में मुसलमानों को मारने की कोशिश कर रहे हैं. 


प्रदर्शनकारी ताहिर मुजामिल ने कहा, 'पूरी दुनिया जानती है कि दुनिया में क्या हो रहा है. हिजबुल्लाह कमांडर सैयद हसन नसरुल्लाह की मौत ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. इस जुलूस का संदेश यह है कि हमें जुल्म के खिलाफ सामने आना चाहिए. चाहे वह कोई भी हो, जरूरी नहीं कि वह मुसलमान हो. अगर वह कमजोर है, तो हमें सामने आकर अपनी आवाज उठानी चाहिए.' 


'जैसे गांधी कब्जे के लिए लड़े, वैसे ही नसरल्लाह'


एक अन्य प्रदर्शनकारी जमील अहमद ने कहा, 'यह जुलूस लेबनान और फिलीस्तीन के खिलाफ इजरायल और अमेरिका की क्रूरता के खिलाफ है. हम हिजबुल्लाह और शहीद हसन नसरुल्लाह को अपना समर्थन देते हैं.' 


इससे पहले इमामबाड़ा बडगाम में शुक्रवार की नमाज के बाद जम्मू-कश्मीर शिया शरिया एसोसिएशन के प्रमुख आगा सैयद हसन के नेतृत्व में शोक सभा और प्रदर्शन किया गया. मीडिया से बात करते हुए सैयद हसन ने हसन नसरुल्लाह की तुलना महात्मा गांधी से की. उन्होंने कहा कि जैसे गांधी कब्जे के लिए लड़ रहे थे और उत्पीड़ितों की मदद कर रहे थे, वैसे ही नसरुल्लाह फिलीस्तीन के लोगों के लिए कर रहे थे. अगर वह आतंकवादी हैं, तो गांधी भी आतंकवादी थे.