बेधड़क सड़क पर पैदल चल सकेंगे लोग, नहीं होगा एक्सीडेंट, रोड सेफ्टी का एक्शन प्लान तैयार
सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों की संख्या और नेशनल हाइवे पर होने वाली मौत की दर को घटाने के प्रयास करने के निर्देश दिए थे. सड़क परिवहन मंत्रालय के सभी ROs, PlUs और RSOS को आगामी वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक सर्वे पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर MoRTH ने नया रोड सेफ्टी प्लान तैयार कर लिया है. इस प्लान के लागू हो जाने के बाद सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना होगा. वो आसानी से हादसे की परवाह किए बगैर चल सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों की संख्या और नेशनल हाइवे पर होने वाली मौत की दर को घटाने के प्रयास करने के निर्देश दिए थे. सड़क परिवहन मंत्रालय के सभी ROs, PlUs और RSOS को आगामी वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक सर्वे पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है.
इस काम के तहत सड़क की डिजाइन, उसके निर्माण और ओपरेशन व मैनेजमेंट के दौरान हर स्तर पर पैदल चलने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखना होगा. इससे पैदल यात्रा सुरक्षित, आरामदायक और बाधा रहित बनाने में मदद मिलेगी. पैदल पथ इस तरह बनाए जाएं कि कहीं भी गाड़ियों के मूवमेंट से उनका सामना न हो.
पैदल यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाएं और किए जाने वाले प्रावधान...
- सड़क के दोनों तरफ बाधा रहित पैदल यात्रा पथ, सड़क और पैदल यात्रा पथ में अन्तर स्पष्ट रहे. साथ ही दिव्यांग फ्रेंडली हो.
- पूरे पैसेज पर सुरक्षा के लिए फेंसिंग लगाना अनिवार्य है. ये उन्हीं जगहों पर खुली होगी जहां से सड़क पार करने के लिए सुरक्षित व्यवस्था बनाई गई होगी.
- सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रॉसिंग, उनपर सिग्नल और साइन बोर्ड लगे हों.
- ये FOB भी हो सकता है, लेकिन उसपर दिव्यांग व्यक्ति के लिए जरूरी इंतजाम करना होगा.
- साइकिल और पैदल यात्रा लेन पर नेशनल हाईवे व अन्य सड़कों पर भी हर 20-30 मीटर पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था.
- 4 मीटर की ऊंचाई पर लाइटिंग होगी. अगर कम अन्तर पर पूरी रौशनी सुनिश्चित है तो इसकी जरूरत नहीं.
- साइकिल, पैदल यात्रा के दौरान सड़क पार करने के लिए जरूरी होने पर अंडरपास बनाए जाएंगे ताकि गाड़ियों की मूवमेंट भी प्रभावित न हो और पैदल यात्रा भी सुगम रहे.
- हर फूट ओवर ब्रिज की ऊंचाई और चौड़ाई पर्याप्त हो, उनपर चढ़ने के लिए सीढ़ियां और रैम्प/स्केलेटर्स हों.
- उन जगहों पर जहां ज्यादा संख्या में पैदल यात्री होते हैं, मतलब दोनों शहरों, लोकेशन के बीच वाली सड़कों पर दोनों तरफ लिफ्ट और जोड़ने वाला पुल बनाए जाने की जरूरत.
- कितने पैदल यात्री, कितने दिव्यांग यात्री, कितने साइकिल यात्री हैं... ये गिनती करने के लिए मैनुअल/मशीनी काउंटिंग के लिए उपकरण और थर्ड पार्टी सहायता लेने के निर्देश दिए गए हैं.
- सड़क और पैदल यात्रा पथ निर्माण में आसपास के लोगों, स्कूल, अस्पताल, पंचायत, इंडस्ट्री एसोसिएशन आदि की सलाह भी लें ताकि जरूरी और वैज्ञानिक प्लानिंग और डिजाइन तैयार हो सके.
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