PFI Ban: खुफिया एजेसियों की पूछताछ में पता चला है कि पीएफआई (PFI) ने बीजेपी (BJP) और आरएसएस (RSS) के नेताओं पर निगरानी के लिए एक खुफिया विंग बना रखी थी. ये विंग पीएफआई के सीनियर नेताओं को रिपोर्ट करती थी और जिले या राज्य में तैनात पीएफआई के दूसरे नेताओं को भी इस विंग की जानकारी नहीं थी. हर जिले में ये खुफिया विंग थी और हर जिले में कम से कम दो लोग इस खुफिया विंग में तैनात होते थे. पीएफआई के खिलाफ आज (मंगलवार को) एक हफ्ते में दूसरी बार बड़ा एक्शन लिया जा रहा है. देश के 9 राज्यों में पीएफआई के ठिकाने पर रेड चल रही है.


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PFI की खुफिया विंग थी ये जिम्मेदारी


बता दें कि पीएफआई की इस खुफिया विंग का काम बीजेपी और आरएसएस से जुड़े नेताओं और कार्यक्रमों की जानकारियां जुटाना था. इसके अलावा ये विंग जिले में तैनात खुफिया एजेंसी और पुलिस की खुफिया एजेंसी के लोगों की जानकारी रखती थी और निगरानी करती थी ताकि पीएफआई के लोग पकड़ में ना आ सकें. ये विंग अपने नेताओं की जानकारी भी सीनियर नेताओं तक पहुंचाया करती थी.


PFI को पहले ही मिल जाती थी एक्शन की जानकारी


एजेंसियों को भी अब तक इस बात की जानकारी नहीं थी कि पीएफआई की कोई खुफिया विंग भी है और यही वजह है कि इस संगठन पर अब तक सिलसिलेवार ढंग से कार्रवाई करने में दिक्कत आ रही थी क्योंकि ये विंग पुलिस के एक्शन की जानकारी अपने नेताओं तक पहले ही पहुंचा दिया करती थी.


खुलासे से खुफियां एजेंसी भी हैरान


खुफियां एजेंसी और जांच एजेंसी भी इस खुलासे के बाद हैरान हैं और यही वजह है कि आज की जो कार्रवाई है वो पीएफआई के खुफिया विंग और उससे जुड़े नेताओं पर की जा रही है ताकि पीएफआई के इस नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ा जा सके.


पूछताछ में हुए खुलासे के बाद ही एजेसियां आज देश के करीब 9 राज्यों में ये छापेमारी कर रही हैं और इसमें ज्यादातर वो लोग हैं जिनके बारे में पीएफआई के नेताओं ने जानकारी दी है.



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