PFI conspiracy planning: साल 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का टारगेट रखा गया है. बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ नाता रखने वाले दो आरोपियों को जब पकड़ा गया है तो उसके बाद भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल एक ऐसे बड़े आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ, जिसे सुनने के बाद पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई , जब इन दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके पुलिस की टीमों ने जांच शुरू की तो इनके पास से पांच अलग-अलग दस्तावेज जब्त किए गए, जिसमे भारत को टुकड़ों में बांटने का पूरा ब्लू प्रिंट तैयार किया गया था.


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2047 तक इस्लामिक देश बनाने की योजना


इन दोनों आरोपियों से जब्त किए गए दस्तावेजों से एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. भारत को 2047 तक इस्लामिक शासन की ओर ले जाने के के एक बड़े गेमप्लान को हमारी टीम ने इन दस्तावेजों के आधार पर डिकोड किया है. अब अलग-अलग प्वाइंटर्स के जरिए हम आपको इस पूरे प्लान को आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे. 


10 परसेंट वाला फॉर्मूला 


आरोपियों के पास से जब्त किए गए दस्तावेजों के पेज नंबर 3 पर 10% वाले फॉर्मूले को पूरे ब्यौरे के साथ लिखा गया है. पीएफआई को विश्वास है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का केवल 10% भी उनके इस प्लान के साथ जुड़ जाता है तो पीएफआई भारत के बहुसंख्यक समुदाय को उसके घुटनों पर ला देने में कामयाब हो जाएगा और इस्लामी शासन की स्थापना करेगा.


विदेशों से मदद मांगने की प्लानिंग


दस्तावेज के पेज नंबर-7 पर देश के अलग अलग हिस्सों में बहुत बड़े स्तर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और रैलियों की प्लानिंग की बात लिखी गई है. इसमें ये भी लिखा है कि सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के दौरान, "हमारे प्रशिक्षित पीई कैडरों पर भरोसा करने के अलावा, हमें मित्र इस्लामिक देशों से मदद की आवश्यकता भी पड़ेगी, एक बात और भी गौर करने वाली है कि पिछले कुछ वर्षों में, पीएफआई ने इस्लाम के ध्वजवाहक देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध कायम करने की कोशिशें तेज कर दी हैं और दुनिया के कुछ अन्य इस्लामी देशों के साथ भी पीएफआई रिश्ता कायम करने के लिए प्रयास कर रहा है.


इस्लामीकरण का पूरा रोडमैप तैयार


पुलिस की शुरूआती जांच के बाद ये साफ हो चुका है कि दोनों ही आरोपी चरमपंथी संगठन पीएफआई से पिछले काफी सालों से जुड़े हुए हैं. पुलिस सुत्रों के मुताबिक, उनमे सें एक जलालुद्दीन, पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था और इस शख्स से बरामद किए गए दस्तावेजों में लिखा है कि भारत को इस्लामिक देश बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है जो सभी पीएफआई नेताओं द्वारा बनाया गया है. इस लक्ष्य के लिए पीएफआई कैडरों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को मार्गदर्शन करने के लिए तैयार किया गया है.


मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग 


इस पूरे मामले की जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जलालुद्दीन के मकान में स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट और Physical Education के नाम पर हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने और धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उन्हें उकसाने की बात सामने आई है और यही बात उनसे प्राप्त दस्तावेजों में भी लिखी हुई है. पीएफआई के दस्तावेज के एक पन्ने पर लिखा है कि  PFI सहित हमारे सभी फ्रंटल संगठनों को नए सदस्यों के विस्तार और भर्ती पर ध्यान देना चाहिए. हम अपने पीई विभाग में सदस्यों की भर्ती और ट्रेनिंग शुरू करेंगे, जिसमें उन्हें हमला करने और बचाव तकनीकों, तलवारों, छड़ों और अन्य हथियारों के इस्तेमाल पर ट्रेनिंग भी दी जाएगी. पीएफआई दस्तावेज में सरकारी विभागों में वफादार मुसलमानों की भर्ती कराने की योजना भी शामिल है. दस्तावेज के अनुसार पीएफआई ने आरएसएस के खिलाफ भी योजना बनाई है. इसने आरएसएस को केवल उच्च जाति वाले हिंदुओं के कल्याण में रुचि रखने वाले संगठन के रूप में पेश करके आरएसएस और एससी/एसटी/ओबीसी के बीच एक विभाजन पैदा करने की पूरी योजना भी तैयार की गई है.
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