PFI Ban: प्रतिबंध लगने के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बारे में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएफआई ने अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए खूनी ब्रिगेड तैयार की थी. इस ब्रिगेड की गतिविधियां काफी गुप्त रखी जाती थीं. हालांकि पूरा काम योजना बनाकर अंजाम दिया जाता था. कैसे पीएफआई अपनी खूनी ब्रिगेड के जरिए साजिश रचता था आइए बताते हैं.


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हिंसा फैलाने के लिए बनी थी टीम


खुफिया सूत्रों के मुताबिक पीएफआई ने हिंसा फैलाने के लिए एक अलग टीम तैयार कर रखी थी. संगठन ने इसे हिट स्क्वाड नाम दे रखा था. पिछले कुछ महीनों में एनआईए छापे के दौरान पीएफआई के ठिकानों से फिजिकल ट्रेनिंग सेंटर और जुडो कराटे ट्रेनिंग की जांच से ये खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक पीएफआई की विचारधारा और उसका विरोध करने वालों के खिलाफ हिट स्क्वाड का इस्तेमाल होता था. 


हिट स्क्वाड को दिए जाते थे टारगेट


हिट स्क्वाड में उन्हें ही जगह मिलती है जो PFI के लिए लॉयल होते थे. हर 'Hit Squad' में शारीरिक रूप से मजबूत 4 से 5 लोगों को रखा जाता था. खुफिया एजेंसियों को शक है कि हिट स्क्वाड को हमले के लिए टारगेट दिए जाते थे. Squad में शामिल लोग चाकू और तेज धार हथियार से टारगेट पर हमला करते थे. हमले के लिए बाइक का इस्तेमाल किया जाता था. काम हो जाने के बाद इसे हिट स्क्वॉड को खत्म कर दिया जाता है.


RSS वर्कर्स की हत्याओं में हाथ होने का शक


खुफिया एजेंसियों को शक है कि केरल में पिछले कुछ महीनों में आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को पीएफआई के हिट स्कवॉड ने ही अंजाम दिया था. 'Hit Squad' की मदद के लिए 'Support Squad' भी होता था जो लोकल खुफिया जानकारी मुहैया कराता था. यानी पूरा काम काफी योजना के साथ किया जाता था.


PFI पर लगा है प्रतिबंध


गौरतलब है कि देश विरोध गतिविधियों में शामिल होने के कारण पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है . प्रतिबंध से पहले एनआईए ने कई राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. यूपी और बिहार के साथ-साथ कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, असम और दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों की करीब 50 जगहों पर NIA ने छापेमारी की थी.



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