PFI पर इसी हफ्ते लग सकता है बैन, केंद्रीय एजेंसियों ने दी प्रतिबंध लगाने की सलाह
PFI Raid Latest News: पीएफआई (PFI) पर बैन लगाने की तैयारी है. इसी हफ्ते केंद्र सरकार प्रतिबंध लग सकती है. सुरक्षा एजेसिंयों ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी है.
PFI Ban: सुरक्षा एजेंसियां देश के 9 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं. ये छापेमारी 22 सितंबर को की गई छापेमारी के बाद गिरफ्तार आरोपियों की पूछताछ के आधार पर की जा रही है. दिल्ली से 30 पीएफआई के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों से एजेंसियों को काफी अहम जानकारी मिली थी और उन जानकारियों को राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया गया ताकि PFI के नेताओं और आतंकियों पर एक साथ कार्रवाई की जा सके. पीएफआई पर बैन लगाने की तैयारी है. इसी हफ्ते पीएफआई पर प्रतिबंध लग सकता है. सुरक्षा एजेसिंयों की सलाह पर केंद्र सरकार प्रतिबंध लगा सकती है.
पीएफआई पर इसी हफ्ते लग सकता है प्रतिबंध
दरअसल, एजेंसियों की ये कार्रवाई PFI पर बैन लगाने से पहले की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रही है. पिछले कुछ सालों से लगातार PFI के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आतंकी घटनाओं में शामिल और विदेशी फंडिंग के आरोप लग रहे थे. इसके सबूत भी मिल रहे थे. पीएफआई से जुड़े काफी सारे नेताओं को UAPA और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे सख्त कानून में गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन संगठन पर लगाम लगाना काफी मुश्किल हो रहा था और यही वजह है कि इस बार खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय और राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर एक साथ पीएफआई के नेताओं पर कार्रवाई की.
प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के संपर्क में पीएफआई नेता
22 सितंबर को की गई कार्रवाई में पीएफआई की सीनियर लीडरशिप को गिरफ्तार किया गया था ताकि पूरे कैडर और संगठन के बारे में जानकारी जुटाई जा सके. इसके बाद धीरे-धीरे जानकारी के आधार पर राज्यों की पुलिस अपने राज्यों में पीएफआई के नेताओं पर कार्रवाई कर रही है. खुफिया एजेंसी की निगरानी और उनके दिए इनपुट के आधार पर एजेंसियां पीएफआई पर कारवाई कर रही हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस संगठन के संबध ना सिर्फ बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी से थे बल्कि ये अपने संगठन में हिंसक और कट्टर मुस्लिमों की भर्ती कर रहे थे. जिनके जरिए देश में आतंकी वारदात को अंजाम दिया जा सके.
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
जांच एजेंसियों के मुताबिक, पीएफआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर करीब 700 मामले दर्ज हैं जिनमें से ज्यादातर UAPA जैसे गंभीर आरोपों में दर्ज हैं और उनमें से करीब 15 लोग ISIS से जुड़े पाए गए जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. एजेंसियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इनके निशाने पर ना सिर्फ बीजेपी और आरएसएस के नेता थे बल्कि कांग्रेस के नेता भी निशाने पर थे. कर्नाटक के पीएफआई अध्यक्ष यासिर हसन ने एजेंसियों को बताया कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के विधायक अंखडा श्रीनिवास भी इनके निशाने पर थे और उनकी हत्या करने के लिए यासिर ने बाकायदा उसके घर के पास एक घर भी लिया था ताकि अंखडा को निशाना बनाया जा सके. अखंडा ने पैगंबर को लेकर बयान दिया था जिसकी वजह से यासिर उसकी हत्या करने की योजना बना रहा था.
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि विदेशों से लगातार फंडिग मिल रही थी और ज्यादातर पैसे खाड़ी देशों से आ रहे थे. सबसे ज्यादा पैसे कतर देश से आए थे. पीएफआई ने इसके लिए बाकायदा खाड़ी देशों में अपने कैडर को तैयार कर रखा था जो वहां से फंडिग का इंतजाम करते थे. सुरक्षा एजेंसियों की नजर इस विदेशी फंडिग पर ना पड़े इसलिए ये लोग हवाला का इस्तेमाल करते थे और ज्यादातर पैसे अपने कैडर के लोगों के खातों में छोटी-छोटी रकम डलवा कर डोनेशन के तौर पर लेते थे. यही वजह है कि सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है और अगर सूत्रों की बात माने तो ये प्रतिंबध इसी हफ्ते लग सकता है.
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