भारत के ये 7 पावरफुल मार्शल आर्ट्स, फोटोज देख रह जायेंगे हैरान
भारत में कई ऐसे मार्शल आर्ट्स है जो पहले युद्ध में काम आते थे. आज इन मार्शल आर्ट्स ने खेल, आत्मरक्षा, शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक का रूप ले लिया है. इन मार्शल आर्ट्स को विज्ञान और कला दोनों का कॉम्बिनेशन माना जाता है.
कलरीपयट्टु (केरल)
इसे दुनिया की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट्स में से एक माना जाता है. हथियारों का उपयोग भी इसमें प्रमुखता से किया जाता है, जैसे तलवार, ढाल, लाठी, आदि.
गतका (पंजाब)
यह सिख समुदाय की पारंपरिक मार्शल आर्ट है. इसमें तलवार, कृपाण, और लाठी का यूज होता है.
थांग ता (मणिपुर)
इसका मतलब है, तलवार और भाले से लड़ाई करना. थांग-ता को 'हुयेन लालोंग' यानी 'सुरक्षित-रक्षा की विधि' के नाम से भी जाना जाता है.इसमें तलवार (थांग) और ढाल (टा) का उपयोग होता है.
मल्लखंब (महाराष्ट्र)
इसमें खिलाड़ी एक लंबी लकड़ी की पोल या रस्सी पर विभिन्न कलाबाजी करते हैं.
सिलंबम (तमिलनाडु)
इसमें बांस की लाठी (सिलंबम) का यूज किया जाता है. इसमें लाठी से आक्रमण और रक्षा की तकनीकें शामिल हैं.
मुस्ति युद्ध (उत्तर प्रदेश)
यह एक पारंपरिक मुक्केबाजी की विधि है. इसमें बिना हथियारों के हाथों और पैरों का उपयोग किया जाता है.
पाइक अखाड़ा (ओडिशा)
यह ओडिशा का पारंपरिक युद्ध कला है. इसमें तलवार, भाला, और अन्य हथियारों का उपयोग किया जाता है.