सरकार की चेतावनीः भारत में CORONA का पीक आना अभी बाकी, दोबारा उभर सकती है महामारी
भले ही पिछले कुछ दिनों में नए कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई हो, लेकिन खतरा अभी टली नहीं है. भारत सरकार (Indian Government) ने गुरुवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि देश में कोरोना (Coronavirus) महामारी दोबारा उभर सकती है, जिसे काबू करने के लिए राज्यों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर पर तैयारी करना बेहद जरूरी है. ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.
कोरोना की दूसरी लहर का पीक आना अभी बाकी
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल (Dr. V.K. Paul) ने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर का पीक आना अभी बाकी है. बहुत जल्द कोरोना भारत में रौद्र रूप ले सकता है. ऐसी परिस्थितियों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही कई सख्त फैसले लेने की जरूरत है, ताकि लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके.
कोरोना की चपेट में आ सकती है 80% आबादी
डॉ. पॉल ने कहा कि ये आरोप गलत है कि सरकार को कोरोना की दूसरी लहर की जानकारी नहीं थी. हम लगातार लोगों को चेतावनी दे रहे थे कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी. देश में अभी सीरो पॉजिटिविटी 20 फीसदी है, और 80 फीसदी आबादी अब भी संक्रमण का शिकार हो सकती है.
घबराने की जरूरत नहीं, ये संघर्ष का समय है
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डॉ. वीके पॉल ने कहा, 'पीएम मोदी ने 17 मार्च को अपने संबोधन में कहा था कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आ गई है. हालांकि किसी को इससे घबराने की जरूरत नहीं है. बल्कि अब हमें उससे संघर्ष करना है और अपने आप को सुरक्षित रखना है.'
कब आएगा कोरोना की दूसरी लहर का पीक?
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान जब डॉ. वीके पॉल से पूछा गया कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब आएगा तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई मॉडलिंग सिस्टम नहीं है जिससे ये पता लगाया जा सके कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब आएगा. कोरोना के अबूझ व्यवहार की वजह से ये बता पाना काफी मुश्किल है.
ये महामारी है कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं
वहीं, जब डॉ. पॉल से पूछा गया कि कई देशों में कोरोना के पीके के वक्त पैनिक काफी बढ़ गया था, क्या भारत में भी ऐसा हो सकता है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अन्य देशों की तरह पैनिक नहीं हुआ. आखिरकार ये एक महामारी है. कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं है. इस बीमारी की खास बात ये है कि ये अब पूरे देश में फैल चुका है. अब ये ग्रामीण इलाकों को भी नहीं छोड़ रहा है. सुदूर पहाड़ी राज्यों में पहुंच रहा है.