Dharampal Gulati: 1947 में पाकिस्तान से आकर दिल्ली में तांगा चलाते थे MDH के मालिक, आज है अरबों का कारोबार

महाशिया दी हट्टी (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी (Dharampal Gulati) साल 1947 में विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए थे. भारत आने के बाद उन्होंने पहले तांगा चलाया और फिर छोटी सी दुकान से मसाले का बिजनेस शुरू किया था.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Thu, 03 Dec 2020-10:33 am,
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पाकिस्तान में करते थे मसालों का कारोबार

एमडीएच मसाला कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. 1933 में उन्होंने पांचवी क्लास की पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी. 1937 में उन्होंने पिता की मदद से शीशे का छोटा सा बिजनेस शुरु किया. उसके बाद साबुन और दूसरे कई बिजनेस किए, लेकिन उनका मन नहीं लगा. बाद में उन्होंने मसालों का काम शुरू किया, जो उनका पुश्तैनी कारोबार था.

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बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आए भारत

साल 1947 में बंटवारे के वक्त महाशय धर्मपाल गुलाटी भारत आ गए और अमृतसर के एक शरणार्थी शिविर में रहे. इसके कुछ समय बाद वह दिल्ली आ गए.

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शुरुआत में तांगा चलाया

दिल्ली आने के बाद धर्मपाल गुलाटी की जेब में सिर्फ 1500 रुपये थे और उन्होंने 650 रुपए में एक तांगा खरीदा. जिसमें वह कनॉट प्लेस और करोल बाग के बीच यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करते थे. इसके लिए वह दो आना प्रति सवारी लेते थे.

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फिर शुरू किया मसाले का बिजनेस

गरीबी से तंग आकर धर्मपाल गुलाटी ने अपना तांगा बेच दिया और मसालों का कारोबार शुरू करने का फैसला किया, जो उनका पुश्तैनी कारोबार था. 1953 में चांदनी चौक में एक छोटी सी दुकान किराए पर ली और महाशिया दी हट्टी (MDH) नाम का दुकान खोला.

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इस तरह हुआ कारोबार का विस्तार

सियालकोट की एक बड़ी दुकान से उठ कर धर्मपाल गुलाटी का बिजनेस दिल्ली की एक छोटी दुकान में चलने लगा. इसके बाद जैसे-जैसे लोगों को पता चला कि सियालकोट की देगी मिर्च वाले अब दिल्ली में आ गए हैं, उनका कारोबार फैलता चला गया.

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अलग-अलग इलाकों में खोली दुकान

महाशय धर्मपाल ने छोटी सी पूंजी से कारोबार शुरू किया था, लेकिन उनका काम चलने लगा. जब मिर्च-मसालों की बिक्री ज्यादा होने लगी तो वह पिसाई का काम घर के बजाए पहाड़गंज की मसाला चक्की में कराने लगे. इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने दिल्ली के अलग–अलग इलाकों में दुकान खोल ली.

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1959 में लगाई मसाला फैक्ट्री

मसालों का कारोबार धीरे-धीरे फैलता गया और धर्मपाल गुलाटी ने साल 1959 में दिल्ली के कीर्ति नगर में मसाले तैयार करने की अपनी पहली फैक्ट्री लगाई. आज भारत और दुबई में एमडीएच की मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं और कंपनी सालाना अरबों रुपयों का कारोबार करती है.

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कहां-कहां है कारोबार

MDH के पूरी दुनिया में डिस्ट्रिब्यूटर हैं और दुबई में फैक्ट्री, लंदन, शारजाह, यूएस में ऑफिस हैं, जबकि भारत में एमडीएच के करीब 1000 डिस्ट्रिब्यूटर हैं. एमडीएच का कारोबार भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, चीन और जापान में भी है. इसके अलावा गल्फ देशों में भी एमडीएच के मसालों का कारोबार है.

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पद्मविभूषण से हो चुके हैं सम्मानित

व्यापार और उद्योग खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने पिछले साल महाशय धर्मपाल गुलाटी (Dharampal Gulati) को पद्मविभूषण से सम्मानित किया था.

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