Corona Vaccine को लेकर सरकार ने जारी किया ब्लू प्रिंट, ये रहा आपके हर सवाल का जवाब
कोरोना वैक्सीन आने के बाद सही समय पर गांव-गांव तक उसे पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार पिछले कई हफ्तों से रणनीति बनाने में जुटी हुई है. इस दौरान मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन का ब्लू प्रिंट जारी कर दिया है, जिसमें जनता के सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं.
भारत में वैक्सीन का स्टेटस
भारत में कुल 9 वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में चल रही हैं. हालांकि तीन वैक्सीन ऐसी भी हैं जो इमरजेंसी ऑथराइजेशन अप्रूवल के लिए भारत के ड्रग कंट्रोलर से मांग चुकी हैं. अगले कुछ ही हफ्तों में ड्रग कंट्रोलर इन में से किसी एक या उससे ज्यादा वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दे सकता है.
मिलेंगे 2 से 3 कोरोना की डोज
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 6 वैक्सीन प्री क्लीनिकल ट्रायल के हालत में. जबकि 3 क्लीनिकल ट्रायल के अलग-अलग दौर में हैं. किसी की दो तो किसी की 3 डोज लग सकती हैं.
कैसे गांव-गांव तक पहुंचेगी वैक्सीन?
14 अप्रैल को सरकार ने एक वैक्सीन टास्क फोर्स बनाई है. 7 अगस्त को केंद्र सरकार ने एक और ग्रुप बनाया जिसका नाम है NEGVAC - NATIONAL एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 है. मल्टीलेवल कोऑर्डिनेशन मेकैनिज्म यही ग्रुप सारे काम करेगा. मसलन वैक्सीन कैसे लगेगी, उसके लिए सामान कहां से आएगा, राज्यों के साथ तालमेल कैसे किया जाएगा आदि.
1.5 लाख से अधिक लोग लगाएंगे कोरोना का टीका
भारत में 2 लाख 40 हजार ट्रेंड वैक्सीनेटर हैं जो इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम और दूसरी जरूरी वैक्सीन के काम को करते हैं. लेकिन कोरोना वायरस का टीका लगाने के लिए 1 लाख 54 हजार ट्रेंड वैक्सीनेटर को ही इस्तेमाल किया जाएगा. अन्य सभी लोग रूटीन इम्यूनाइजेशन की प्रक्रिया में काम करते रहेंगे. इन सभी लोगों को हम AMN या मिडवाइफ के नाम से भी जानते हैं.
पहले किसे लगेगी कोरोना वैक्सीन?
जानकारी के अनुसार, भारत में सबसे पहले 1 करोड़ सरकारी और प्राइवेट कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी. इसके बाद पुलिस फोर्स, सेना, म्युनिसिपल वर्कर्स को वैक्सीनेट किया जाएगा. और फिर बाद में 50 साल से ऊपर के लोग और 50 साल के नीचे के भी लोग जिनको कोई बीमारियां हैं उनको भी पहले कोरोना का टीका दिया जाएगा. हालांकि इस प्रायोरिटी लिस्ट पर अभी भी विचार किया जा रहा है. इसमें बदलाव भी हो सकता है. जानकारों की मानें तो वैक्सीन लगाने का काम 1 वर्ष या उससे ज्यादा तक चल सकता है.
कोविन ऐप
राज्य और जिला स्तर पर डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. उसकी वेरिफिकेशन की जा रही है. साथ ही साथ कोविन ऐप में इस डाटा को फिल करने का काम भी शुरू किया जा चुका है. राज्य स्तर पर मीटिंग भी हो रही है. जिला स्तर पर 12 दिसंबर तक मीटिंग युक्त आने का और डाटा इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है. ब्लॉक स्तर पर भी 15 दिसंबर तक मीटिंग हो जाएगी.
कोल्ड चेन सिस्टम
देश में 85,634 कोल्ड चैन इक्विपमेंट हैं. साथ ही कितने डीप फ्रीजर वाकिंग कूलर की जरूरत है, इसका आंकलन भी कर लिया गया है.