JNU हिंसा: `ऑपरेशन नकाबपोश` में सामने आए 9 चेहरे, PHOTOS देखकर आप भी पहचानिए

जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने नकाबपोशों की पहचान उजागर कर दी.

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दिल्ली पुलिस ने 9 छात्रों की तस्वीर जारी की है.

जेएनयू में रविवार रात को हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने 9 लोगों की तस्वीर जारी की है. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी हैं.

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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष

इन नामों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने कई तथ्य भी इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किए. क्राइम ब्रांच ने बताया कि SFI, AISA, AISF, DSF ने रजिस्ट्रेशन रोकने की कोशिश की.

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जेएनयू के एसएसए विभाग में एमए का छात्र वास्कर विजय

पुलिस ने बताया कि हिंसा के लिए कुछ व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे.

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लाल रंग के कपड़ों में स्कूल ऑफ सोशल साइंस की छात्रा सुचेता तालुकदार, जो जेएनयू में लेफ्ट विंग की काउंसलर हैं.

पुलिस ने JNU हिंसा में पहचाने गए 9 छात्रों से जवाब मांगा है.

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जेएनयू में एसएलएल और सीएस की छात्रा प्रिया रंजन, जो कि मांडपी हॉस्टल में रहती हैं.

दरअसल, 1 से 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन की तारीख थी. ज्यादातर छात्र रजिस्ट्रेशन कराना चाहते थे, लेकिन लेफ्ट विंग के चार छात्र संगठन रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे.

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लाल कपड़े से मुंह ढंके हुए डोलन सामंता जेएनयू में स्कूल ऑफ सोशल साइंस विभाग की छात्रा हैं.

इन्हीं चार छात्रों के संगठन रजिस्ट्रेशन करनेवालों को धमका रहे थे, लेकिन जब उनकी बात नहीं मानी गई तो JNU कैंपस में स्टाफ से धक्का मुक्की तक की गई.

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जेएनयू में संस्कृत विषय के रिसर्च स्कॉलर योगेन्द्र भारद्वाज

अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है. मेरे पास यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि मुझ पर कैसे हमला किया गया.

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जेएनयू के एमएस कोरियन के छात्र विकास पटेल का नाम हिंसा करने वाले संदिग्धों में शामिल है.

जेएनयूएसयू के अध्यक्ष आइशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''मुझे इस देश की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि जांच निष्पक्ष होगी. मुझे न्याय मिलेगा. लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई है. मैंने कोई मारपीट नहीं की है.

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यूनिवर्सिटी में पेरियार हॉस्टल के पास AISA कार्यकर्ता चुनचुन कुमार पत्थरबाजी करते हुए.

छात्रसंघ की अध्यक्ष ने कहा, ''हमने एमएचआरडी से मांग की है कि जेएनयू के कुलपति को तत्काल उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि वह विश्वविद्यालय नहीं चला पा रहे हैं.'

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जेएनयू के मांडवी हॉस्टल में रहने वाला छात्र पंकज मिश्रा पत्थर फेंकते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद.

बता दें कि एमएचआरडी सचिव अमित खरे ने जेएनयू प्रशासन और जेएनयू के छात्रों के साथ शुक्रवार को बैठक की. इस दौरान एमएचआरडी ने यूजीसी से सेवा और उपयोगिता शुल्क का खर्च वहन करने के लिए कहा, जिससे जेएनयू छात्रों को ये शुल्क नहीं देना पड़ेगा. वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी के छात्रों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की.

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