Kanika Tekriwal: 32 की उम्र में 10 प्राइवेट जेट की मालकिन, करोड़ों में संपत्ति; जानिए कौन हैं कनिका टेकरीवाल
Meet Kanika Tekriwal: अक्सर कहा जाता है कि अगर कोई इंसान कुछ पाने का मन बना लें तो आसमान भी कम पड़ जाता है. ऐसी ही कहानी कनिका टेकरीवाल की है जो भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट जेट कंपनी की मालकिन हैं. महज 32 साल की उम्र में उनके पास 10 प्राइवेट जेट हैं और उन्होंने 22 साल की उम्र में ही अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया था. उनकी कंपनी JetSetGo को आसमान का उबर तक कहा जाता है. आइये कनिका की सफलता की कहानी जानते हैं.
दिल्ली की रहने वाली कनिका ने एविएशन इंडस्ट्री में एक नया मुकाम हासिल किया है. वह सिर्फ 21 साल की उम्र में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गई थीं लेकिन इसके बाद उन्होंने जो किया वह काफी हैरान करने वाला है. बीमारी को मात देने के बाद कनिका ने जेटसेटगो नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया और आज वह इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बनकर उभरी हैं.
दस साल में कनिका ने अपने स्टार्टअप को एक ऊंची उड़ान दी है और वह आज जेटसेटगो की फाउंटर सीईओ के पद पर तैनात हैं. उनकी कंपनी मालिकों के लिए प्लेन का ऑपरेशन और मेंटीनेंस करती है. साथ ही जेटसेटगो हेलीकॉप्टर, जेट्स, एयरक्राफ्ट रेंट पर मुहैया कराती है. उनकी कंपनी मैनजमेंट, प्लेन्स के पार्ट्स और सर्विस का काम भी करती है.
कनिका को साल 2011 में अपनी बीमारी के बारे में पता चला था. इसके बाद करीब सालभर तक उनका इलाज चला और इस दौरान उन्होंने अपने मिशन के बारे में सोचा. वह बताती हैं कि कैंसर ने मुझे एक साल पीछे कर दिया था लेकिन अच्छी बात यह रही कि तब तक किसी और ने देश में ऐसा कुछ करने के बारे में नहीं सोचा था. ठीक होने के साथ ही कनिका काम में जुट गईं और अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया.
एमबीए ग्रेजुएट कनिका के पास आज अपने 10 प्राइवेट जेट्स हैं और वह भारत की 100 सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में शामिल हैं. उनके पास आज करीब 280 करोड़ की संपत्ति है जो उन्होंने अपनी कंपनी से हासिल की है. फोर्ब्स मैगजीन में भी कनिका के काम की तारीफ हो चुकी है और साल 2016 में रिटेल और ईकॉमर्स के मामले में वह एशिया की टॉप-30 बिजनेस वूमेन में शामिल थीं.
कनिका एक मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके पिता रियल एस्टेट और केमिकल का बिजनेस करते थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई साउथ इंडिया में हुई और आगे की एजुकेशन के लिए कनिका ने मुंबई का रुख किया. उनका कहना है कि जो भी लोग प्राइवेट जेट का इस्तेमाल करना चाहते थे उन्हें दलालों से जूझना पड़ता था, लेकिन उनकी कंपनी इसी सिस्टम को खत्म करना चाहती है.