Puri: देश का पहला शहर जहां 24 घंटे आएगा पीने का साफ पानी, RO की नहीं जरूरत
नई दिल्ली: पीने का साफ आज हर भारतीय के लिए संकट बना हुआ है. राजधानी दिल्ली से लेकर तमाम बड़े शहरों में आलम ये है कि हर घर में RO वॉटर प्यूरिफायर (RO Water Purifiers) लगवाना जरूरी हो गया है, क्योंकि बिना RO के पानी पीने लायक होता ही नहीं. RO से पीने के लिए साफ पानी तो मिल जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि RO में फिल्टर होने के समय पानी से कुछ ऐसे मिनरल्स भी निकल जाते हैं जिनकी आपके शरीर को सख्त जरूरत होती है. ऐसे में आज हम आपको देश के पहले ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां RO की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. यहां नलों में 24 घंटे साफ पीने का पानी आएगा.
RO मुक्त हुआ ये शहर!
देश में ओडिशा का पुरी पहला और एकमात्र ऐसा शहर बन गया है जहां 24 घंटे लोगों को नल के जरिए पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध होगा. नल का पानी इतना साफ होगा कि इसे फिल्टर करने की जरूरत ही नहीं होगी. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हालही में पुरी में ‘नल से पेयजल’ मिशन का उद्घाटन किया है.
करोड़ों लोगों को मिलेगा लाभ
पुरी जगन्नाथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है. इस शहर की आबादी ढ़ाई लाख है. ऐसे में इस योजना का लाभ शहर के लोगों को तो मिलेगा ही साथ ही हर साल इस पवित्र स्थान की यात्रा पर आने वाले करीब दो करोड़ पर्यटकों को भी मिलेगा.
लोगों तक पहुंचेगा पीने का साफ पानी
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस मिशन का उद्घाटन करते हुए कहा कि हर घर को नल से गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराना एक परिवर्तनकारी परियोजना है और पुरी को विश्व स्तरीय धरोहर शहर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है.
सपना बना हकीकत
सीएम ने आगे कहा कि अब पुरी के निवासियों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए शहर भर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध है. ओडिशा के हर घर में नल से पानी पहुंचाना मेरा सपना रहा है और यह अब हकीकत में बदल रहा है.
पेयजल योजना का बजट बढ़या गया
सीएम ने कहा कि पेयजल का बजट पांच साल में दोगुना किया गया है. पहले यह 200 करोड़ रुपये था, जो अब पांच साल में बढ़कर 4000 करोड़ रुपये हो गया है.
अन्य राज्य भी लें सीख
आपको बता दें कि भारत में कुछ स्थानों पर तो कई दिनों तक पीने का पानी उपलब्ध ही नहीं होता है. बड़े शहरों में नल में पानी आता तो है लेकिन ये इतना गंदा होता है कि RO के बिना काम चलाना मुश्किल होता है. ऐसे में RO में फिल्टर होने के बाद पानी से जरूरी मिनरल्स निकल जाते हैं साथ ही पानी की बर्बादी भी काफी होती है. ऐसे में हर राज्य को ओडिशा से सीख लेने की जरूरत है.