ये हैं दुनिया के 5 सबसे कठिन एग्जाम, पेपर देने से पहले कांप जाते हैं छात्र

यूं तो हर परीक्षा कठिन होती है, लेकिन हम आपको कुछ ऐसे एग्जाम के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें पास करना एवरेस्ट चढ़ने से कम मुश्किल काम नहीं है. तो आइए जानते हैं दुनिया की सबसे कठिन समझी जाने वाली 5 परीक्षाओं पर...

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मास्टर सोमेलियर डिप्लोमा एग्जाम

ये दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाता है. यह एग्जाम विशेषज्ञ वाइन निर्माता (Specialist Winemakers) बनने के लिए होता है और इसे तीन भागों में बांटा जाता है. पहला थ्योरी, दूसरा सर्विस और तीसरा है ब्लाइंड टेस्टिंग. ब्लाइंड टेस्टिंग के दौरान छात्रों को यह बताना होता है कि संबंधित वाइन किस वर्ष और कहां बनी थी. ज्यादातर छात्र आखिरी चरण में फेल हो जाते हैं. इस एग्जाम में 40 साल में 200 लोग पास हो सके हैं. यह परीक्षा कितनी कठिन है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है.

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)

भारत में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) विभिन्न सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए हर साल इस परीक्षा का आयोजन करता है. यह परीक्षा तीन राउंड में होती है. पहला राउंड प्रीलिम, दूसरा राउंड मेन और तीसरे राउंड में इंटरव्यू होता है. यूपीएससी में हर साल लाखों लोग भाग लेते हैं, लेकिन पास होने वालों का प्रतिशत बहुत कम है. लाखों उम्मीदवारों में से केवल 0.1 से 0.4 प्रतिशत ही इस एग्जाम को क्रैक कर पाते हैं.

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गौका (Gaokao)

गौका चीन में एक अनिवार्य परीक्षा है, जिसमें हायर एजुकेशन करने का मन बना रहे स्टूडेंट को शामिल होना होता है. परीक्षा दो दिन में 9 घंटे से ज्यादा समय तक चलती है. एग्जाम देने वालों में से केवल 0.2 प्रतिशत ही इतने अंक हासिल कर पाते हैं कि उन्हें देश के टॉप कॉलेजों में एडमिशन मिल सके.

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जेईई एडवांस

जेईई एडवांस (जिसे पहले IIT-JEE के नाम से जाना जाता था) भारत में आयोजित होने वाली इंजीनियरिंग कॉलेज प्रवेश परीक्षा है. IIT में पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए इसे क्रैक करना जरूरी है. परीक्षा में तीन-तीन घंटे के दो ऑब्जेक्टिव टाइप पेपर होते हैं. लाखों की संख्या में छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन मुश्किल से कुछ हजार ही पास हो पाते हैं. 

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ऑल सोल्स प्राइज फेलोशिप एग्जाम

यह फेलोशिप परीक्षा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की जाती है. परीक्षा में तीन-तीन घंटे के चार पेपर होते हैं. हर साल सिर्फ दो लोगों का चयन किया जाता है. 2010 तक की व्यवस्था के अनुसार, परीक्षा में शामिल होने वालों को एक शब्द दिया जाता था जिसपर लंबा निबंध लिखना होता था.

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