सरकार ने स्वदेशी Akash Missile के निर्यात को दी मंजूरी, इन देशों को सबसे ज्यादा हथियार बेचता है भारत

नई दिल्ली: भारत सरकार ने जमीन से हवा में मार करने वाली स्‍वेदश निर्मित आकाश मिसाइल (Akash Missile) के निर्यात की मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. इसके साथ ही एक समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया है, जो रक्षा निर्यात (Defense Exports) प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए काम करेगी.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Thu, 31 Dec 2020-11:19 am,
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9 देशों ने दिखाई आकाश मिसाइल में दिलचस्पी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आकाश एयर डिफेंस सिस्टम (Akash Air Defence System) को विकसित किया है. यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नया कदम है, क्योंकि आकाश मिसाइल सिस्टम को पूर्वी एशिया और अफ्रीका के 9 देशों ने खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.

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2015 में भारतीय सेना में हुआ था शामिल

आकाश एयर डिफेंस सिस्टम (Akash Air Defence System) का 96 फीसदी हिस्सा भारत में ही तैयार किया गया है. इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना में और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था.

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25 किलोमीटर है मारक क्षमता

आकाश एयर डिफेंस सिस्टम (Akash Air Defence System) सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है. आकाश मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन पर सटीक लक्ष्‍य साध सकती है.

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हथियार निर्यात की ओर तेजी से बढ़ रहा भारत

भारत विश्व के सबसे बड़े हथियार आयातक देशों में से एक है, लेकिन अब भारत तेजी से हथियार निर्यात की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है. देश में आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत बड़ी तादाद में कई तरह के रक्षा उपकरण और मिसाइलें देश में बनाई जा रही हैं.

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42 देशों को हथियार बेचता है भारत

भारत अभी कुल 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, स्वीडन, म्यांमार, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे देश शामिल हैं. इसके अलावा कतर, लेबनान, इराक, इक्वाडोर और जापान जैसे देशों को भारत बॉडी प्रोटेक्टिंग उपकरण निर्यात कर रहा है.

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कौन हैं भारत के सबसे बड़े खरीदार

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे बड़े हथियार खरीदार म्यांमार (46 फीसदी), श्रीलंका (25 फीसदी) और मॉरीशस (14 फीसदी) हैं. भारत की पूरी दुनिया के हथियार निर्यात में इस समय हिस्सेदारी सिर्फ 0.2 फीसदी है, जिसे 5 साल के भीतर बढ़ाकर 5 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है.

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2025 तक 35 हजार करोड़ के निर्यात का लक्ष्य

भारत सरकार ने साल 2025 तक 35 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पाद निर्यात करने का लक्ष्य रखा है. रक्षा उत्पादन निर्यात संवर्धन नीति 2020 का मकसद रक्षा निर्यात के जरिए मित्र देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बेहतर बनाना है.

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भारत के रक्षा निर्यात में जबरदस्त उछाल

आंकड़ों के मुताबिक भारत के रक्षा निर्यात में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. भारत का रक्षा निर्यात साल 2016-17 में 1521 करोड़ रुपये था, जो साल 2018-19 में करीब 700 फीसदी बढ़कर 10745 करोड़ रुपये हो गया.

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वर्तमान में कितना है भारत का रक्षा निर्यात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही एक कार्यक्रम में जानकारी दी थी कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश बड़े निर्यातक की भूमिका की तरफ कदम बढ़ा रहा है. उन्होंने बताया था कि भारत फिलहाल सालाना करीब 17000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात कर रहा है.

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भारत ने 101 उपकरणों के आयात पर लगाई रोक

आत्‍मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगा दी थी और अब देश में ही इनका निर्माण किया जा रहा है.

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