नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले साल के उस फैसले को चुनौती देने वाली एक एनजीओ की याचिका पर केंद्र को सुनेगी जिसमें भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की ओएनजीसी में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर अर्जी को ठुकरा दिया था.


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 पीठ ने केंद्र को औपचारिक रुप से नोटिस जारी नहीं किया
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केन्द्र को औपचारिक रूप से नोटिस जारी नहीं किया और एनजीओ से याचिका की एक प्रति केन्द्र सरकार को भेजने को कहा. एनजीओ ने उच्च न्यायालय के पिछले साल छह नवंबर के फैसले को चुनौती दी थी.


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पीठ ने इसके बाद मामले को दो सप्ताह बाद सुनने के लिए रखा 
एनजीओ‘ एनर्जी वाचडाग’ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने जब अदालत से केन्द्र को औपचारिक रूप से नोटिस जारी करने का आग्रह किया तो पीठ ने कहा, ‘‘ आप भारत संघ (केंद्र सरकार) को प्रति भेजें. शुरुआती दलीलें सुनने के बाद हम औपचारिक नोटिस जारी कर सकते हैं.’’ पीठ ने इसके बाद मामले को दो सप्ताह बाद सुनने के लिए रखा.


(इनपुट - भाषा)