राष्ट्रमंडल में `भारत की जय-जय`, कमजोर राष्ट्रों को सपोर्ट करने के लिए पीएम मोदी की सराहना
संयुक्त कोष का मकसद विकासशील देशों के नेतृत्व वाली सतत विकास परियोजनाओं को सपोर्ट करना है. इसमें भारत सरकार ने 10 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है, जो कई वर्षों में दिया जाएगा.
नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड (Commonwealth Secretary-General Patricia Scotland) ने राष्ट्रमंडल में कमजोर देशों को सपोर्ट करने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे नेतृत्व की सराहना की है. उन्होंने इसे सभी सदस्य देशों के लिए 'आशा का क्षेत्र' भी बताया है.
भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि की तीसरी वर्षगांठ
भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर एक वर्चुअल इवेंट में महासचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की इस फंड की स्थापना के लिए सराहना की. उन्होंने 'राष्ट्रमंडल राज्यों को और अवसर प्रदान करने के लिए और उन्हें समर्थन देने के लिए आशा और सहयोग की प्रशंसा की.
भारत का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम स्वागत योग्य
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'दुनिया के विकासशील देशों के 34 छोटे द्वीप और बेहद कम विकसित देश राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं. इस फंड के माध्यम से उन्हें समर्थन देने का भारत का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम स्वागत योग्य और जरूरी कदम है.' उन्होंने आगे कहा, 'संयुक्त राष्ट्र-भारत कोष को सन्निहित साझेदारी और समर्थन की भावना की अब पहले से ज्यादा जरूरत है. इसीलिए मेरा विश्वास है कि दुनिया में भारत की बढ़ती नेतृत्व भूमिका हम सभी के लिए आशा का क्षेत्र है.'
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संयुक्त कोष की स्थापना 2017 में की गई थी
बता दें कि इस संयुक्त कोष की स्थापना 2017 में की गई थी. इसका मकसद विकासशील देशों के नेतृत्व वाली सतत विकास परियोजनाओं को सपोर्ट करना है. इसमें भारत सरकार ने 10 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है, जो कई वर्षों में दिया जाएगा. इसके अलावा 5 करोड़ डॉलर का एक और फंड राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों, विशेष रूप से छोटे द्वीप और कम विकसित देशों के लिए 'कॉमनवेल्थ विंडो' के रूप में बनाया गया है. (इनपुट आईएएनएस)
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