PM Modi Kargil Visit: युद्ध को लेकर क्या सोचता है भारत? दिवाली के दिन करगिल की धरती से PM मोदी ने दुनिया को दिया ये संदेश
Diwali 2022: पीएम मोदी ने कहा, अगर कोई हम पर बुरी नजर डालने की हिम्मत करता है, तो हमारे तीनों सशस्त्र बल अच्छी तरह से जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है. मोदी 2014 में सत्ता में आने के बाद से दिवाली मनाने के लिए विभिन्न सैन्य केंद्रों का दौरा करते रहे हैं.
India Stand on War: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिवाली के मौके पर करगिल पहुंचे और सैनिकों से मुलाकात की. इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत ने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है, लेकिन सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत और रणनीति है. मोदी 2014 में सत्ता में आने के बाद से दिवाली मनाने के लिए विभिन्न सैन्य केंद्रों का दौरा करते रहे हैं. मोदी ने कहा, 1999 में करगिल संघर्ष के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा को भी याद किया, जब भारतीय सेना ने आतंक के फन को कुचला था. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जब करगिल ने विजय पताका नहीं फहराई हो.' उन्होंने कहा कि दिवाली आतंक के अंत के उत्सव का प्रतीक है.'
करगिल युद्ध को करीब से देखा: मोदी
मोदी ने बॉर्डर पर दिवाली मनाने की अपनी परंपरा जारी रखते हुए कहा, 'मैंने करगिल युद्ध को करीब से देखा है. यह मेरा कर्तव्य था जो मुझे उस समय करगिल ले आया था. उस समय की कई यादें हैं जब जीत की आवाज चारों ओर गूंज रही थी.' उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, सरकार ने नई टेक्नोलॉजी को अपनाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और बलों में महिलाओं को शामिल कर सशस्त्र बलों में सुधारों को लागू करने पर काम किया है.
'महिलाओं के आने से बढ़ेगी ताकत'
मोदी ने कहा, 'सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ेगी.' उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में दशकों से सुधार की जरूरत थी, जिन्हें अब लागू किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो. मोदी ने कहा कि भारत अपने बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के दुश्मनों से पूरी ताकत के साथ निपट रहा है. उन्होंने देश के भीतर से आतंकवाद, नक्सलवाद और चरमपंथ को उखाड़ने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया.
'सामर्थ्य के बिना नहीं मिलेगी शांति'
उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी युद्ध को पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा. उन्होंने कहा, हमने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है. हम वैश्विक शांति के पक्ष में हैं. लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति हासिल नहीं की जा सकती. प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे सशस्त्र बलों के पास रणनीति के साथ-साथ ताकत भी है. अगर कोई हम पर बुरी नजर डालने की हिम्मत करता है, तो हमारे तीनों सशस्त्र बल अच्छी तरह से जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ बहुत महत्वपूर्ण है और विदेशी हथियारों तथा प्रणालियों पर हमारी निर्भरता कम से कम होनी चाहिए.
(इनपुट-पीटीआई)
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