Who is Lord Devnarayan: भगवान देवनारायण का 1111वां जन्मोत्सव धूमधाम से भीलवाड़ा जिले में मनाया जा रहा है. गुर्जर समाज में लोक देवता देवनारायण को पूजा जाता है. ऐसी मान्‍यता है कि इन्‍होंने अपने शासनकाल में समाज के लिए कई चमत्‍कार किए थे. जिसके चलते उन्‍हें न केवल राजस्‍थान बल्कि देश के कई राज्‍यों में पूजा जाता है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी जन्मस्थली भीलवाड़ा के मालासेरी गांव गए हैं. देवनारायण जी को विष्णु का अवतार भी माना जाता है. उन्‍हें गौ वंश का रक्षक माना जाता था. इसके पीछे बड़ी वजह है. जानते हैं उनके बारे में.        


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देवनारायण भगवान ने किए थे चमत्‍कार 


किंवदंतियों की मुताबिक, उन्‍होंने अपने जीवन में कई चमत्कार दिखाए. सारंग सेठ को पुनर्जीवित करना, सूखी नदी में पानी पैदा करना और छोंछु भाट को जीवित करना जैसे कई चमत्कार की चर्चा सुनने को मिलती है. धार के राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे एक बार बहुत बीमार हो गई थीं. उस दौरान देवनारायण जी ने ही उन्हें अपनी शक्तियों से ठीक किया था. इसके बाद उनसे ही उनका विवाह हुआ. ऐसा कहा जाता है कि वे भगवान विष्णु के उपासक थे, जिसके चलते उनके पास ऐसी शक्तियां थीं. जिससे वे लोक कल्याण के काम कर पाते थे. उसी समय से लोग उन्‍हें भगवान की तरह मानने लगे. 


98000 गायों के पालक, पराक्रमी शासक


लोक देवता भगवान देवनारायण को गौ वंश के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है. वे रोजाना सुबह उठकर गौ माता के दर्शन करते थे और ऐसा भी कहा जाता है कि उनके पास लगभग 98 हजार गायें थीं. वे अजमेर पर शासन करते थे और उस दौरान उन्‍होंने अरब के घुसपैठ का प्रतिरोध भी किया था. उस जमाने में वे पराक्रमी शासक थे और उन्‍हें महान योद्धा भी माना जाता था. देवनारायण की फड़ से उनके और उनके पिता राजा सवाई भोज के बारे में पता चलता है. ये फड़, लोक संस्कृति बन गई और काफी फेमस भी है.