PM Modi in COP-28 Summit: वर्ल्ड क्लाइमेट समिट यानि ‘COP-28 के लिए पीएम मोदी पहुंच चुके हैं. इस सम्मेलन में पहुंचते ही PM मोदी यूएई के राष्ट्रपति और UN के जनरल सेक्रेटरी से मिले. इस सम्मेलन के लिए दुनिया भर के नेता दुबई में मौजूद हैं. इस सम्मेलन में दुनिया के 160 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. ये सभी दिग्गज जलवायु परिवर्तन और इससे जुड़ी समस्याओं और उसके समाधान पर चर्चा करेंगे. इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने दुनिया को संदेश दिया है. पीएम मोदी दुबई में 21 घंटे रहेंगे. इस दौरान वो कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.


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पीएम मोदी का संबोधन
- COP33 समिट में अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में 45 फीसद की कमी लाने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने भारत की मेजबानी में अगला सम्मेलन आयोजित कराने का प्रस्ताव भी रखा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव की भी वकालत की है.


- पीएम ने कहा कि 2030 तक कार्बन उत्सर्जन घटाने पर तत्परता से काम किए जाने की जरूरत है. पीएम ने यूएई और भारत के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों की साझेदारी आने वाले दिनों में अहम भूमिका निभाएगी


'गलतियां सुधारने का ज्यादा वक्त नहीं'
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'प्रो प्लेनेट पॉजिटिव इनिशिएटिव का ऐलान कर रहा हूं. GREEN CREDIT INITIATIVE- ये कार्बन क्रेडिट की COMMERCIAL मानसिकता से बढ़कर जनभागीदारी से कार्बन SYNC बनाने का अभियान है. पिछली शताब्दी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है. प्रकृति का अंधाधुंध उपयोग किया गया, जिसकी कीमत पूरी मानवता को चुकानी पड़ रही है खासकर GLOBAL SOUTH को.'


'क्लाइमेट फाइनेंस को बढ़ाने की जरूरत'
पीएम मोदी ने कहा, 'क्लाइमेट फाइनेंस को बिलियन से बढ़ाकर ट्रिलियन तक ले जाने की आवश्यकता है. हमने GREEN DEVELOPMENT PACT पर सहमति बनाई है. हमारा लक्ष्य 2030 तक EMISSION INTENSIFY को 45% तक कम करना है. हमने तय किया है कि NON FOSSIL FUEL का शेयर हम बढ़ा कर 50 फीसदी करेंगे, 2070 तक NET ZERO की ओर बढ़ते रहेंगे.'

'पर्यावरण संरक्षण सबकी जिम्मेदारी'
जलवायु सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मेरे द्वारा उठाए गए विषयों को आपने निरंतर समर्थन दिया है. हम सभी के के प्रयासों से ये विश्वास बढ़ा है कि सबकी भागीदारी आवश्यक है. भारत में ECOLOGY-ECONOMY में संतुलन का उदाहरण विश्व के सामने रखा है. 17 फीसदी आबादी होने के बावजूद GLOBAL CARBON EMISSION में हमारी हिस्सेदारी 4 फीसदी से कम है. भारत उन कुछ देशों में से एक है, जो NDC TARGET को पूरा करने के राह पर है.' 


समिट में संबोधन और कई द्विपक्षीय बैठकें
प्रधानमंत्री ने भारत और UAE को हरित और समृद्ध भविष्य के लिए साझेदार बताया है. पीएम मोदी यहां सत्र संबोधित करेंगे. जलवायु परिवर्तन को रोकने की दिशा में होने वाला ये यूएन का सालाना आयोजन है. UAE के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और UAE हरित और समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ खड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन को लेकर हम काम कर रहे हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा कि जलवायु परिवर्तन समस्या के निर्माण में विकासशील देशों ने योगदान नहीं किया है, लेकिन उन्हें इसके समाधान में योगदान करने के इच्छुक हैं लेकिन इन देशों को योगदान देने के लिए आवश्यक वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी की बड़ी आवश्यकता है, जो उनके पहुंच से बाहर है इसलिए इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब इन देशों को योगदान करने के लिए आवश्यक संसाधन मिलेंगे.


पीएम मोदी का कार्यक्रम
12:00 PM   -                COP 28 लीडरशिप पवेलियन पहुंचें.


12:05 PM   -                UAE राष्ट्रपति और UN सेक्रेटरी जनरल से मुलाकात हुई.
13.15 To 14 PM-         वर्ल्ड क्लाइमेट समिट- ओपनिंग सेशन में संबोधन.
14:00-15:00 PM -       द्विपक्षीय वार्ता.


क्लाइमेट पर मोदी मंत्र, जलवायु सम्मेलन में 'जय भारत'
प्रधान मंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात की अपनी छठी यात्रा के दौरान कहा, 'भारत और UAE एक हरित और अधिक समृद्ध भविष्य को आकार देने में भागीदार के रूप में खड़े हैं, और हम जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक चर्चा को प्रभावित करने के अपने संयुक्त प्रयासों में दृढ़ हैं.'


पीएम मोदी ने कहा, स्थिरता और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को साझा करने वाले देशों के रूप में, भारत और संयुक्त अरब अमीरात वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा प्रयासों में अग्रणी के रूप में उभरे हैं. उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के भीतर जलवायु कार्रवाई के लिए UAE की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की है.


पर्यावरण मंत्री का बयान


केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, 'पिछले 9 सालों में पेरिस समझौते के बाद भारत ने जो प्रतिबद्धता जताई उसमें पहला है कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में कमी. दूसरा है नए एनर्जी सोर्स पर भारत की निर्भरता. मैं गर्व से कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम G20 में भी पहले देशों में से हैं, जिसने 9 साल पहले ही अपना लक्ष्य हासिल कर लिया. ये भारत की प्रतिबद्धता और सक्षम नेतृत्व का ही नतीजा है.'


COP 28 एक सकारात्मक संकेत के साथ शुरू


जलवायु संकट में कम योगदान देने के बावजूद इसका खामियाजा भुगतने वाले विकासशील और गरीब देशों को मुआवजा देने के उद्देश्य से हानि और क्षति कोष के संचालन को लेकर हुए समझौते का भारत ने बृहस्पतिवार को ‘सकारात्मक संकेत’ के तौर पर स्वागत किया. इस कोष को लेकर हुए समझौते पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई, खास कर ‘ग्लोबल साउथ’ से.


संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता सीओपी28 एक सकारात्मक संकेत के साथ शुरू हुई, जिसमें विभिन्न देशों ने हानि और क्षति कोष के संचालन पर शुरुआती समझौता किया. सीओपी के अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अल जाबेर ने कहा कि विज्ञान स्पष्ट है और ‘अब हम सभी के लिये समय आ गया है कि जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त रूप से वृहद मार्ग तलाशा जाए.’


निर्णय की घोषणा के तुरंत बाद पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया: ‘संयुक्त अरब अमीरात में पहले दिन ही सीओपी28 के रफ्तार पकड़ने का सकारात्मक संकेत... हानि और क्षति कोष के संचालन पर ऐतिहासिक निर्णय सीओपी28 के उद्घाटन सत्र में अपनाया गया. भारत हानि एवं क्षति कोष को शुरू करने के फैसले का पुरजोर समर्थन करता है.’


ग्लोबल साउथ लंबे समय से बाढ़, सूखे और गर्मी सहित आपदाओं से निपटने के लिये पर्याप्त धन की कमी की ओर इशारा कर रहे हैं और अमीर देशों को इससे उबरने के लिये पर्याप्त धन नहीं देने का दोषी ठहरा रहे हैं.


ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है.


विकासशील देशों ने यह भी दावा किया है कि बदलावों से निपटने में मदद करने की जिम्मेदारी अमीर देशों की है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से ये वही देश हैं जिन्होंने पृथ्वी को गर्म करने वाले कार्बन उत्सर्जन में अधिक योगदान दिया है.


इससे पहले, बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने कहा कि 2023 सबसे गर्म वर्ष होना निश्चित है और चिंताजनक प्रवृत्तियां भविष्य में बाढ़, जंगल की आग, हिमनद पिघलने और भीषण गर्मी में वृद्धि का संकेत देती हैं.


डब्ल्यूएमओ ने यह भी चेतावनी दी है कि वर्ष 2023 का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक काल से लगभग 1.4 डिग्री सेल्सियस ऊपर है.


पिछले साल मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित सीओपी27 में अमीर देशों ने हानि और क्षति कोष स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी. हालांकि, धन आवंटन, लाभार्थियों और प्रशासन पर फैसले लटकाए रखे गए थे.


विकासशील देश कोष रखने के लिए एक नयी और स्वतंत्र इकाई चाहते थे, लेकिन अगले चार वर्षों के लिए अस्थायी रूप से ही सही और अनिच्छा से विश्व बैंक को स्वीकार किया था.


इस कोष को चालू करने के निर्णय के तुरंत बाद, संयुक्त अरब अमीरात और जर्मनी ने घोषणा की कि वे इस कोष में 10-10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान देंगे.


एनआरडीसी (प्राकृतिक संसाधन रक्षा परिषद) में अंतरराष्ट्रीय जलवायु वित्त के वरिष्ठ पैरवोकार जो वेट्स ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया.


डब्ल्यूआरआई इंडिया में जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम निदेशक उल्का केलकर ने कहा कि विकसित देशों को हानि एवं क्षति कोष में नयी और अतिरिक्त धनराशि देने की आवश्यकता है ताकि उन देशों और समुदायों को सहायता प्रदान की जा सके, जहां इसकी तत्काल आवश्यकता है.


क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल में वैश्विक राजनीतिक रणनीति के प्रमुख हरजीत सिंह ने कहा, ‘अपनी स्थापना के एक वर्ष के भीतर हानि और क्षति कोष को चालू करने के ऐतिहासिक निर्णय के बीच, अंतर्निहित चिंताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण हो जाता है.’


पीएम मोदी का स्वागत


भारतीय समुदाय ने उनका स्वागत किया. दुबई के डिप्टी पीएम शेख सैफ बिन जायद अल नाहयान (HH Sheikh Saif bin Zayed Al Nahayan) ने पीएम मोदी (PM Modi) की एयरपोर्ट पर अगवानी की. वहां भव्य स्वागत हुआ. पीएम मोदी के दुबई आने की खुशी में लोगों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए. आपको बताते चलें कि, प्रधानमंत्री मोदी यहां 1 दिसंबर को COP-28 के विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन (World Climate Action Summit) में शामिल होंगे.


पीएम मोदी ने कहा- अब सम्मेलन का इंतजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'COP-28 शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए दुबई पहुंचा. अब समिट की कार्यवाही का इंतजार है. इसका उद्देश्य एक बेहतर ग्रह बनाना है. यूएई जलवायु कार्यवाही के क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार है. भारत ने हमेशा सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाते हुए जलवायु कार्रवाई पर जोर दिया है. दुबई में भारतीय समुदाय के गर्मजोशी से भरे स्वागत से भावुक हूं. उनका सहयोग और उत्साह हमारे वाइब्रेंट कल्चर और मजबूत संबंधों का गवाह है.'


दुनियाभर के 160 नेता होंगे शामिल
इस दौरान ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी. समिट में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के 198 देश सदस्य हैं. आज 160 वैश्विक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. जहां कई देशों के नेताओं के अलावा बिजनेस लीडर्स, युवा वर्ग, जलवायु वैज्ञानिक और दुनियाभर के पत्रकारों के साथ हजारों लोग शामिल होंगे. 


बोहरा समाज ने जताई खुशी
भारतीय समुदाय के साथ-साथ बोहरा समाज भी पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा से खुश नजर आ रहा है. दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्य डॉ. मुस्तफा ताहिर ने कहा, 'प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं, ऐसे में यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. पीएम मोदी हमें परिवार की तरह मानते हैं. भारतीय PM यहां COP-28 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. पीएम मोदी के नेतृत्व में आज भारतीयों का पूरे विश्व में गौरव बढ़ रहा है. भारत की ख्याति हो रही है.


दुबई में गूंजा नारा - अबकी बार 400 पार


दुबई में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया. वहां लोगों के पीएम का वेलकम करते हुए 'अबकी बार, 400 पार' के नारे लगाए. इसी से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पीएम लोगों से हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं.


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