नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Nrendra Modi) ने 'द इंडिया टॉय फेयर 2021' फेयर (India Toy Fair 2021) का उद्घाटन करते हुए भारतीय निमार्ताओं से ऐसे खिलौने बनाने की अपील की, जो इकोलॉजी और साइकोलॉजी दोनों के लिए बेहतर हों. उन्होंने खिलौने में कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की अपील की है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि खिलौनों में ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें, जिन्हें रिसाइकल कर सकें. 


भारतीय खेलों में ज्ञान और विज्ञान 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, बाहरी बाढ़ ने लोकल व्यापार की कमर तोड़ दी है. खेल और खिलौने के क्षेत्र में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. बच्चे जो देखते हैं, वैसा ही चाहते हैं. उन्होंने सवाल किया, क्या बच्चे मास्क लगा हुआ खिलौना मांगते हैं? कोरोना काल की एक भावनात्मक तस्वीर का जिक्र करते हुए कहा, अभी दिल्ली में एक बच्ची अस्पताल में थी और उसको उसके खिलौने के साथ रखा गया था. राजस्थान की कठपुतली कला का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कठपुतली हमारा खानदानी काम है. फिल्म हैं, थिएटर हैं लेकिन शायद ही कोई होगा जिसने कठपुतली का खेल न देखा हो. आज के प्रचार के युग में कठपुतली के खेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. भारतीय खेल और खिलौनों की ये खूबी रही है कि उनमें ज्ञान होता है, विज्ञान भी होता है, मनोरंजन होता है और मनोविज्ञान भी होता है. 


27 फरवरी से 2 मार्च तक वर्चुअल टॉय फेयर 


भारत के खिलौना उद्योग को मंच प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 27 फरवरी से 2 मार्च तक वर्चुअल टॉय फेयर (Toy Fair) आयोजित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'आज दुनिया में हर क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण और भारतीय विचारों की बात हो रही है. भारत के पास दुनिया को देने के लिए यूनिक पर्सपेक्टिव भी है. भारतीय दृष्टिकोण वाले खिलौनों से बच्चों में भारतीयता की भावना आएगी.' उन्होंने प्रतिभागियों से कहा, 'आप सभी से बात करके ये पता चलता है कि हमारे देश के खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है. इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है.'


VIDEO



देश भर के प्रदर्शक ले रहे हैं हिस्सा


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह पहला टॉय फेयर (India Toy Fair 2021) केवल एक व्यापारिक और आर्थिक कार्यक्रम नहीं है, यह कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की कड़ी है. इस कार्यक्रम की प्रदर्शनी में कारीगरों और स्कूलों से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियां तक 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एक हजार से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं. यहां एक ऐसा मंच मिलेगा, जहां खेलों के डिजाइन, इनोवेशन, मार्केटिंग, पैकेजिंग तक चर्चा, परिचर्चा तक करेंगे और अनुभव साझा करेंगे. टॉय फेयर 2021 में आपके पास भारत में ऑनलाइन गेमिंग इकोसिस्टम के बारे में जानने का अवसर होगा. यहां पर बच्चों के लिए ढेरों गतिविधियां भी रखी गई हैं.


खिलौनों के साथ भारत का रिश्ता पुराना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि खिलौनों के साथ भारत का रिश्ता उतना ही पुराना है, जितना इस भूभाग का इतिहास. दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, वे भारत में खेलों को सीखते थे और अपने यहां खेलों को लेकर जाते थे. आज जो शतरंज दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वह पहले चतुरंग के रूप में भारत में यहां खेला जाता था. आधुनिक लूडो तब पच्चीसी के रूप में खेला जाता था. प्राचीन मंदिरों में खिलौनों को उकेरा गया है. खिलौने ऐसे बनाए जाते थे, जो बच्चों का चतुर्दिक विकास करें.


LIVE TV