वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी दौरे का आज दूसरा दिन है. पीएम मोदी ने मंगलवार को वाराणसी के उमरहा स्थित स्वर्वेद मंदिर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यहां अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि काशी की ऊर्जा अक्षुण्ण तो है ही, ये नित नया विस्तार भी लेती रहती है. 


काशी ने बचाकर रखी पहचान


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पीएम मोदी ने कहा कि बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान, कला, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है. आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है. उन्होंने कहा कि काशी से जाएंगे तो नए संकल्प आशीर्वाद लेकर जायेंगे. पहले जब आप आते थे तो कैसा हाल था, यहां की बदहाली निराश करती थी, रिंग रोड का काम समय से पहले पूरा किया गया है और अब यहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है.


उन्होंने कहा कि हमारा देश इतना अद्भुत है कि यहां जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है. ये भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है. 


गीता जयंती की दी बधाई


काशी में लोगों को गीता जयंती की बधाई देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएं आमने-सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर भगवान कृष्ण के चरणों में नमन करते हुए आप सभी को, सभी देशवासियों को गीता जयंती की हार्दिक बधाई देता हूं.



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कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग को वैश्विक मान्यता मोदी जी के कारण मिली है. वैश्विक मंच पर भारत की परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को आज जो मान्यता प्राप्त हुई है उस पर हर भारतवासी गौरवान्वित है.