PM Modi Austria Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपनी यूरोप यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं. अपनी अगली फॉरेन विजिट की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और ऑस्ट्रिया के राजनयिक संबंधों (India Austria Relationship) के 75 साल पूरे होने के मौके पर इस मध्य यूरोपीय देश की यात्रा करना वास्तव में सम्मान की बात है. उम्मीद है कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने तथा सहयोग के नये रास्ते तलाशने पर चर्चा होगी'. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने ये बात ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर (Karl Nehammer) के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही, जिसमें कहा गया है कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अगले सप्ताह वियना में स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक हैं.


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नेहमर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था, 'यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेरे देश की पहली यात्रा है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं.हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने और कई भू-राजनीतिक चुनौतियों पर बेहतरीन सहयोग के बारे में बात करने का अवसर मिलेगा.'


नेहमर की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उनका आभार जताया. मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'इस ऐतिहासिक अवसर पर ऑस्ट्रिया की यात्रा करना वास्तव में एक सम्मान है. मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा की उम्मीद करता हूं. लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य वह आधार हैं जिस पर दोनों देश साथ मिलकर एक निरंतर घनिष्ठ साझीदारी का निर्माण करेंगे.'


भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में क्या होता है?


प्रधानमंत्री मोदी आठ और नौ जुलाई को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जहां वह 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (India Russia summit) में भाग लेंगे और इन दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा की जाएगी. मोदी रूस से ऑस्ट्रिया जाएंगे. वह नौ और 10 जुलाई को ऑस्ट्रिया में रहेंगे. भारत और रूस बारी-बारी से इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं. जिसमें भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति एक-दूसरे के देश का दौरा करते हैं. 


दो साल बाद ऐसा मौका


भारत और रूस ऐतिहासिक साझेदार रहे हैं. दोनों देशों के बीच वार्षिक स्तर पर एक शिखर सम्मेलन आयोजित होता है. जिसमें दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेते हैं. अब तक भारत-रूस शिखर सम्मेलन 21 बार आयोजित हो चुका है. पिछला शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का दौरा किया था. इसके बाद से ही यह वार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हो सका है क्योंकि दोनों ही देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक-दूसरे के देशों का दौरा नहीं कर रहे थे. दरअसल यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पीएम मोदी लगातार दो साल यानी 2022 और 2023 में मॉस्को नहीं जा पाए थे. 



ऑस्ट्रिया में 41 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री, क्या करेंगे मोदी?


विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी. वह ऑस्ट्रिया गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से मुलाकात करेंगे और ऑस्ट्रिया के चांसलर के साथ वार्ता करेंगे. मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर नेहमर भारत और ऑस्ट्रिया के शीर्ष उद्यमियों को भी संबोधित करेंगे. मोदी वियना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे.


मोदी की मास्को की ‘‘बेहद अहम यात्रा’’ को लेकर उत्सुक है रूस


उधर रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) भी अपने दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने को बेकरार हैं. मोदी की मॉस्को यात्रा को लेकर वह रूस तथा भारत के संबंधों के लिए जरूरी मानते हैं. रूस सरकार ने ने पीएम मोदी के रूस दौरे पर खुशी जताते हुए कहा कि दोनों देश इस दौरान आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. रूसी मंत्री ने सरकारी टेलीविजन ‘VGTRK’ के साथ इंटरव्यू में कहा कि मॉस्को में दोनों नेता अन्य कार्यक्रमों के अलावा अनौपचारिक बातचीत भी करेंगे. पेस्कोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर हैं. सरकारी न्यूज़ एजेंसी ‘तास’ ने पेस्कोव के हवाले से कहा, ‘हम एक अति महत्वपूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं जो रूस-भारत संबंधों के लिए बहुत अहम है.’


(इनपुट:भाषा)