नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लद्दाख दौरे से चीन और पाकिस्तान में हड़कंप मचा गया है. प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर चीन (China) को सफाई देनी पड़ी है. चीन ने कहा है कि हम विस्तारवादी नहीं. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों में सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात हो रही है. पीएम मोदी के लद्दाख दौरे से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पूरी तरह से टेंशन में आ गए हैं. पाकिस्तान को भारत के हमले का डर सता रहा है. इमरान खान ने सुरक्षा पर अहम बैठक की. वहीं, पाकिस्तानी मीडिया ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने चीन को सबसे सख्त संदेश दिया है. 


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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अचानक लद्दाख में भारतीय सेना (Indian Army) की फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंच गए थे. वहां पर तैनात सैनिकों से मिलकर जिस तरह की भाषा और जिस तरह के जोश में उन्होंने चीन को ललकारा है, उस तरह से सीमा पर खड़े होकर अब तक शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने दुश्मन को साफ-साफ संदेश दिया हो.


पीएम मोदी 11000 फीट की ऊंचाई पर थे. 11000 फीट पर ऑक्सीजन की कमी होती है. निम्मू का इलाका बेहद ठंडा रेगिस्तान है. अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम -29 डिग्री है. सूर्य की अल्ट्रा वॉइलेट किरण जलाने वाली हैं. मौसम अनुकूल होने के लिए दो दिन जरूरी. पीएम मोदी ने स्वास्थ्य बाधाओं को हरा दिया. 69 वर्ष के पीएम मोदी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं. 


लद्दाख में भारत ने सेना की एक और डिवीजन तैनात 
लद्दाख में भारत ने सेना की एक और डिवीजन तैनात कर दी है. इसके साथ ही केवल पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की कुल चार डिवीजन हो गई है. अब यहां भारतीय सैनिकों की संख्या 60 हजार हो गई है. अक्साई चिन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भी सेना मुस्तैद है. 


जानिए निम्मू को सामरिक महत्व: 
1. भारतीय सेना के लिए अहम फॉरवर्ड पोस्ट
2. 1999 के बाद सैन्य बेस बनाया गया
3. 14वीं कॉर्प्स के तहत यहां दो सैन्य बेस
4. निम्मू से गलवान घाटी की दूरी 250 km
5. निम्मू से चीन और पाकिस्तान दोनों पर नजर
6. निम्मू में सेना की कई रेजिमेंट्स की बटालियन 
  
निम्मू को जानिए: 
लेह जिले में स्थित है. लेह से 35 किलोमीटर दूर है. 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. सिंधु नदी के किनारे बसा है. जंस्कार नदी सिंधु से मिलती है. निम्मू जंस्कार पवर्त श्रंखला से घिरा है. 8 किलोमीटर की दूरी पर मैग्नेटिक पहाड़ी है.