What Is Developed Nation: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के एक विकसित देश बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ने की जानकारी दी. उन्होंने एक बार फिर विश्वास दिलाया कि आजादी के सौवें साल यानी 2047 की तय डेडलाइन में अपना देश भारत दुनिया के विकसित देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा. विकसित भारत 2047 ही इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम भी है. 


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देश में लंबे समय से जारी है तेज गति से आर्थिक विकास


केंद्र में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद संसद के मानसून सत्र में 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024-2025 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी विकसित भारत को लक्ष्य बताया था. देश में लंबे समय से तेज गति से विकास और 2047 तक विकसित देश बनने की बातें की जा रही हैं. आइए, जानते हैं कि विकसित देश कैसा होता है और विकसित भारत 2047 अभियान क्या है?


वित्त मंत्री ने बताई थी विकसित भारत की 9 प्राथमिकताएं


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट भाषण में विकसित भारत की 9 प्राथमिकताएं गिनाई थीं. इनमें कृषि में उत्पादकता, रोजगार और कौशल विकास, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, एनर्जी सिक्योरिटी, इंफ्रास्क्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचा, इनोवेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट और नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म शामिल थी. 


विकसित भारत @2047 का लक्ष्य कैसे पूरा होगा?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्षों से देशवासियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं कि विकसित भारत का लक्ष्य कैसे पूरा होगा. उन्होंने लोगों से विकसित भारत के विजन में मदद के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ, सुरक्षित पर्यावरण, सोशल प्रोग्रेस, गुड गवर्नेंस वगैरह सेक्टर में अपने आइडिया भेजने की अपील की है. पीएम मोदी ने विकसित भारत बनाने के लिए चार प्रमुख स्तंभ युवा, गरीब, महिलाएं और किसानों को सशक्त करने की बात भी कही है. उन्होंने कई बार बताया है कि 2047 तक विकसित देश बनने का सपना पूरा करने के लिए भारत को कैसा बनना होगा? 


विकसित देश किसे कहते हैं, क्या है पहचान? 


आसान शब्दों में समझें तो विकसित देश उन देशों को कहते हैं जिनके नागरिकों की आय ज्यादा होती है. देश की जीडीपी का स्तर ऊंचा होता है. तकनीकी ढांचा, अर्थव्यवस्था और मानविकी ( स्वास्थ्य, शिक्षा) के दूसरे स्टैंडर्ड पर विकास साफ नजर आता है. आम लोगों के जीवन का स्तर बेहतर होता है. साथ ही राजनीतिक स्थिरता और सशक्त शासन के चलते बेरोजगारी और गरीबी दर कम होती है. दुनिया में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और जर्मनी वगैरह विकसित देशों की मिसाल हैं. 


किन देशों को माना जाता है विकासशील?


वहीं, उन देशों को विकासशील देश कहा जाता है जहां प्रति व्यक्ति आय कम होती है. जीडीपी और साक्षरता दर कम होती है. बेरोजगारी, गरीबी, आर्थिक असमानता और मृत्यु दर अधिक होती है. आबादी के मुताबिक इंफ्रास्क्ट्रक्चर नहीं होता है. दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन इस लिस्ट में आते हैं. हालांकि, भारत अपने तेज आर्थिक विकास और कई मानकों पर सुधार से विकसित देश होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन इस दौरान कुछ बाधाओं का सामना भी कर रहा है. 


विकसित भारत की राह में सबसे बड़ी चुनौती


वर्ल्ड इनइक्वालिटी लैब द्वारा तैयार और टाइम मैग्जीन में मार्च 2024 के अंक में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अरबपतियों के मौजूदा स्वर्ण युग ने देश में आय की असमानता को आसमान तक बढ़ा दिया है. यह दुनिया में सबसे ज्यादा है. विकसित भारत की यह एक सबसे बड़ी चुनौती है. विकासशील देश भारत में औद्योगीकरण की प्रक्रिया में होने के बावजूद कृषि पर निर्भरता बनी रहती है. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा अंतर है. साक्षरता दर और स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर भी पर्याप्त ऊंचा उठाया जाना बाकी है.


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विकसित भारत में क्या-क्या बदल जाएगा?


सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल 2023 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 2,000 डॉलर के आसपास है. मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत का स्कोर महज 0.645 है. यह स्कोर शिक्षा, स्वास्थ्य, और आय वितरण में चुनौतियों को दर्शाता है. भारत 2047 तक एक विकसित देश बनेगा तो उसके पहले यहां व्यापक तौर पर चौतरफा परिवर्तन देखने को मिलेंगे. आर्थिक वृद्धि के साथ ही प्रति व्यक्ति आय में भी बड़ा उछाल आएगा. जीवन स्तर में सुधार होगा.


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इसके अलावा टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट से इनोवेशन के नए रास्ते खुलेंगे. इस क्षेत्र में काफी तेजी से बढ़ रहे भारत पर दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी फर्मों की नजर है. स्वस्थ, शिक्षित और स्किल्ड वर्कफोर्स के कारण देश के बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास होगा. इससे परिवहन, ऊर्जा, और डिजिटल सेवाएं विश्व स्तरीय बनेंगी. गरीबी और बेरोजगारी में भी कमी आएगी. अर्थव्यवस्था और समाजिक सुरक्षा में स्थिरता आएगी.