नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मिलकर आगे बढ़ना समय की मांग है. भारत की जन आकांक्षाओं को पूरा करना हम सबका कर्तव्य है. 60 सांसदों ने चर्चा को सार्थक बनाया. देशवासियों के सपने को साकार करना है. पीएम मोदी ने कहा, "पहले से ज्यादा शक्ति से आए. हम आने वाली हर चुनौती, बाधा को पार कर सकेंगे. हमारे देश का मतदाता जागरूक है. चुनाव जीत-हार के आंकड़ों का खेल नहीं है."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "2019 का जनादेश पूरी तरह कसौटी पर कसने के बाद, हर तराजू पर तौलने के बाद, पल पल को जनता ने जांचा और परखा है और उसके आधार पर समझा है और तब जाकर फिर से हमें चुना है. जीत को सरकार के समर्पण के रूप में देखा जाना चाहिए. जनता ने हमारी नीतियों का अनुमोदन किया. कामयाबी के बावजूद हमने मंजिल न छोड़ी. जिसका कोई नहीं, उसके लिए सरकार है. आखिरी छोर पर बैठे हर व्यक्ति के बारे में सोचा."


पीएम मोदी ने कहा, "ये कोई जीत या हार का प्रश्न नहीं है. ये जीवन की उस आस्था का विषय है, जहां कमिटमेंट क्या होता, डेडिकेशन क्या है, जनता के लिए जीना-जूझना-खपना क्या होता है. और जब पांच साल की अविरत तपस्या का संतोष मिलता है तो वो एक अध्यात्म की अनुभूति करता है." 


लाइव टीवी देखें: 



पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा, "मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि 70 साल से चली आ रही बीमारियों को दूर करने के लिए हमने सही दिशा पकड़ी और काफी कठिनाइयों के बाद भी उसी दिशा में चलते रहे। हम उस मकसद पर चलते रहे और ये देश दूध का दूध पानी का पानी कर सकता है ये सबने देखा. हमने देश आजाद होने के बाद जाने-अनजाने में एक ऐसा कल्चर स्वीकार कर लिया था, जिसमें देश के सामान्य मानवी को हक के लिए जूझना पड़ता है. क्या सामान्य मानवी के हक की चीजें सहज रूप से उसे मिलनी चाहिए या नहीं। हमने मान लिया था कि ये तो ऐसे ही चलता है."


पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो. आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि जमीन दिखना बंद हो गया है. आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ गए हैं. आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आपको जमीन के लोग तुच्छ लगने लगे हैं. आपका और भी ऊंचा होना मेरे लिए संतोष और आनंद की बात है." 


पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने कहा, "मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटल जी की सरकार की तारीफ की हो. उनकी छोड़ों नरसिम्हा राव जी की सरकार की तारीफ की हो. इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह जी की सरकार का जिक्र तक नहीं किया, अगर किया हो तो बताएं." 


पीएम मोदी ने बाबा अंबेडकर के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा, "'हिंदुस्तान में पानी के संबंध में जितने भी initiative लिए गए थे, वो सारे काम बाबा साहब अंबेडकर ने किए थे लेकिन जैसा मैंने पहले कहा शायद एक ऊंचाई पर जाने के बाद लोगों को दिखता नहीं है. मुझे कभी लगता है कि अगर 125 करोड़ देशवासियों के सपनों को अगर मुझे जीना है, तो मुझे छोटा सोचने का हक़ भी नहीं है, और इसलिए जब हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तो देखना फिजूल है कद आसमान का.'