Mann Ki Baat: PM Modi ने याद दिलाया जनता कर्फ्यू, फिर दिया `दवाई भी कड़ाई भी` का संदेश
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उसी प्रकार से हमारे कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना और दिया जलाना. आपको अंदाजा नहीं है कि ये कोरोना वॉरियर्स के दिल को कितना छू गया था. यही कारण है कि वो सालभर बिना थके, बिना रुके डटे रहे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज रविवार को मंथली रेडियो प्रोग्राम मन की बात (Mann Ki Baat) के जरिए 75वीं बार राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. इससे पहले 28 फरवरी, 2021 को पीएम मोदी ने देशवासियों से बात की थी. पीएम मोदी ने मन की बात के 75 एपिसोड पूरे होने पर कार्यक्रम सुनने वालों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि साल 2014 में विजयदशमी के दिन मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी लेकिन ऐसा लगता है कि ये कल की ही बात है.
जनता कर्फ्यू दुनिया के लिए बना अजूबा
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल यह मार्च का ही महीना था जब देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था. लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिए, जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था. अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर जरूर गर्व करेंगी.
कोरोना वॉरियर्स का देशवासियों ने किया सम्मान
उन्होंने कहा कि उसी प्रकार से हमारे कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना और दिया जलाना. आपको अंदाजा नहीं है कि ये कोरोना वॉरियर्स के दिल को कितना छू गया था. यही कारण है कि वो सालभर बिना थके, बिना रुके डटे रहे. देश के एक-एक नागरिक की जान बचाने के लिए जी-जान से जूझते रहे. पिछले साल इस समय सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी. साथियों हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रहा है.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि केरल के युवा ने एक स्पेशल शब्द दिया है- वैक्सीन सेवा. इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरूर याद रखिए. और सिर्फ मुझे बोलना है - ऐसा नहीं है. हमें जीना भी है, बोलना भी है, बताना भी है और लोगों को भी, ‘दवाई भी, कड़ाई भी’, इसके लिए, प्रतिबद्ध बनाते रहना है.
अमृत महोत्सव पर पीएम मोदी ने की ये करने की अपील
उन्होंने कहा कि किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, 'अमृत महोत्सव' के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं. आप देखिएगा, देखते ही देखते अमृत महोत्सव ऐसे कितने ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा और फिर ऐसी अमृत धारा बहेगी जो हमें भारत की आजादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी. देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. कुछ न कुछ करने का जज्बा पैदा करेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हमारे सेनानियों ने कितने ही कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि वो देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे. उनके त्याग और बलिदान की अमर गाथाएं अब हमें सतत कर्तव्य पथ के लिए प्रेरित करें. जैसे गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है- नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो हृाकर्मणः. उसी भाव के साथ, हम सब अपने नियत कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करें. आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब यही है कि हम नए संकल्प लें.
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पीएम मोदी ने कहा कि मुझे इंदौर की रहने वाली सौम्या का धन्यवाद करना है. उन्होंने एक विषय के बारे में मेरा ध्यान आकर्षित किया है और इसका जिक्र मन की बात में करने के लिए कहा है. यह विषय है भारत की क्रिकेटर मिताली राज का नया रिकॉर्ड. मिताली हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं. उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई.
उन्होंने आगे कहा कि वन डे इंटरनेशनल में 7 हजार रन बनाने वाली भी वो अकेली अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी हैं. महिला क्रिकेट के क्षेत्र में उनका योगदान बहुत शानदार है. दो दशकों से ज्यादा के करियर में मिताली राज ने हजारों-लाखों को प्रेरित किया है. उनके कठोर परिश्रम और सफलता की कहानी न सिर्फ महिला क्रिकेटरों बल्कि पुरुष क्रिकेटरों के लिए भी एक प्रेरणा है.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक यूनिक लाइट हाउस के बारे में भी आपको बताना चाहूंगा. यह लाइट हाउस गुजरात के सुरेंद्र नगर जिले में जिन्झुवाड़ा नाम के एक स्थान पर है. जानते हैं यह लाइट हाउस क्यों खास है. खास इसलिए है क्योंकि जहां यह लाइट हाउस है वहां से अब समुद्र तट सौ किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको इस गांव में ऐसे पत्थर भी मिल जाएंगे, जो यह बताते हैं कि यहां कभी एक व्यस्त बंदरगाह रहा होगा. यानी इसका मतलब है कि पहले कोस्टलाइन जिन्झुवाड़ा तक थी. समुद्र का घटना, बढ़ना, पीछे हो जाना, इतनी दूर चले जाना, ये भी उसका स्वरूप है.
पीएम मोदी ने कहा भारत के कृषि जगत में आधुनिकता, ये समय की मांग है. बहुत देर हो चुकी है. हम बहुत समय गवां चुके हैं. Agriculture Sector में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए, परंपरागत कृषि के साथ ही, नए विकल्पों को, नए-नए Innovations को, अपनाना भी, उतना ही जरूरी है. White Revolution के दौरान, देश ने, इसे अनुभव किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब Bee Farming भी ऐसा ही एक विकल्प बन करके उभर रहा है. Bee Farming, देश में शहद क्रांति या Sweet Revolution का आधार बना रही है. बड़ी संख्या में किसान इससे जुड़ रहे हैं, Innovation कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केरल के कोच्चि के सेंट टेरेसा कॉलेज के स्टूडेंट्स Reusable Toys बना रहे हैं, वो भी बहुत ही क्रिएटिव तरीके से. ये Students पुराने कपड़ों, फेंके गए लकड़ी के टुकड़ों, बैग और बॉक्स का इस्तेमाल खिलौने बनाने में कर रहे हैं. Waste से Wealth यानी कचरे से कंचन बनाने के बारे में हम सबने देखा भी है, सुना भी है, और हम भी औरों को बताते रहते हैं. कुछ उसी प्रकार से Waste को Value में बदलने का भी काम किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्रोफेसर श्रीनिवास पदकांडला जी है. वे बहुत ही रोचक कार्य कर रहे हैं. उन्होंने Automobile Metal Scrap से Sculptures (स्कल्पचर्स) बनाए हैं. उनके बनाए विशाल Sculptures सार्वजानिक पार्कों में लगाए गए हैं और लोग उन्हें बहुत उत्साह से देख रहे हैं. Electronic और Automobile Waste की Recycling का यह एक अभिनव प्रयोग है.
पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश नई उम्मीदों के रंग में सराबोर दिखेगा. सभी देशवासियों को शुभकामनाएं. एक बार फिर से याद दिलाता हूं- दवाई भी कड़ाई भी.
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