नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को ईरान, रूस और उज्बेकिस्तान समेत 7 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) के साथ मुलाकात की. इससे पहले इन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुलक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिस्सा लिया था, जिसमें अफगानिस्तान को लेकर चर्चा हुई.


बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति पर हुई चर्चा


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अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने आठ देशों की वार्ता में बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम के न केवल उस देश के लोगों के लिए, बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी काफी महत्वपूर्ण  हैं. अजीत डोभाल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह अफगान स्थिति पर क्षेत्रीय देशों के बीच करीबी विचार-विमर्श, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है.


बैठक के दौरान अफगानिस्तान में बदले हालात और उसके बाद सिक्योरिटी हालात पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान सभी देशों ने आतंक के बढ़ते खतरे और ड्रग ट्रैफिकिंग पर चर्चा की. बैठक के दौरान सभी देशों ने अफगानिस्तान के लोगो को मानवीय आधार पर मदद के साथ साथ पीसफुल, सेक्यूर और स्टेबल अफगानिस्तान पर बल दिया गया. बैठक में अफगानिस्तान के वर्तमान हालात पर चिंता जताई गई और साथ ही हाल ही में कुंडुज, कंधार और काबुल में हुए आतंकी हमलों की निंदा की गई. सभी NSA ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकियो को पनाह देने या किसी दुसरे देश के खिलाफ आतंक की साजिश के लिए नहीं होनी चाहिए.


बैठक में इन देशों ने एनएसए ने लिया हिस्सा


अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में भारत के अलावा रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद आतंकवाद, कट्टरवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों का सामना करने में व्यावहारिक सहयोग के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत वार्ता की मेजबानी किया.


अफगानिस्तान पर करीबी से रख रहे हैं नजर: डोभाल


अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने कहा, 'हम आज अफगानिस्तान से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे हैं. हम सभी उस देश के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'इनका न केवल अफगानिस्तान के लोगों के लिए, बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं.'


बैठक में शामिल नहीं हुए चीन और पाकिस्तान


दिल्ली में आयोजित बैठक के लिए भारत ने पाकिस्तान और चीन को भी आमंत्रित किया था, लेकिन दोनों देश इसमें शामिल नहीं हुए. चीन ने भारत के निमंत्रण का जवाब देते हुए बैठक में शामिल ना होने की वजह इस मीटिंग का समय बताया. हालांकि वह अफगानिस्तान पर भारत के साथ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय रूप से बातचीत के लिए तैयार है. वहीं चीन के सहयोगी पाकिस्तान ने पहले ही बातचीत के आमंत्रण को ठुकरा दिया.


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