नई दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक अब एक बहुत बड़ा मुद्दा बनती जा रही है. अब इसमें भारत के विपक्षी नेताओं के साथ-साथ पाकिस्तान की ISI और दुनियाभर में सक्रिय खालिस्तानी और भारत विरोधी ताकतें शामिल हो गई हैं. इन सबने मिल कर एक वैसी ही संगठित मुहिम चलाई है, जैसी किसान आंदोलन के दौरान चलाई गई थी. ये सारी भारत विरोधी ताकतें चाहती हैं कि नफरत पैदा कर के भारत के दिल से पंजाब और पंजाबियों को बाहर निकाल दिया जाए. वो चाहती हैं कि पंजाब में फिर से वैसा ही अलगाववादी माहौल पैदा हो जाए, जैसा 1980 के दशक में हुआ था.


पंजाब की घटना खतरनाक प्रयोग!


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इस घटना का एक Latest Video पूरी कहानी को खुद बयां रहा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे प्रधानमंत्री का काफिला खुली सड़क पर ट्रैफिक के बीच 20 मिनट तक फंसा रहा. अब तक उनके काफिले की इतनी पास से तस्वीरें नहीं आई थीं. लेकिन अब इस वीडियो से ये स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री की गाड़ी उग्र भीड़ से ज्यादा दूर नहीं थी. पुलिस ने जिस तरफ अपनी बसें और गाड़ियां लगा कर प्रदर्शनकारियों को रोका हुआ था, वो जगह प्रधानमंत्री की गाड़ी से 500 मीटर दूर भी नहीं थी.


वैसे तो किसी भी घटना का वीडियो तभी आता है, जब वो घटना हो जाती है. पहले से कोई नहीं बता सकता कि किस जगह, क्या होने वाला है. लेकिन इस मामले में इतने सारे इत्तेफाक हैं कि अब ऐसा लगता है कि ये घटना असल में एक संयोग नहीं बल्कि एक खतरनाक प्रयोग था.


एनिमेटेड वीडियो से साजिश का खुलासा


5 जनवरी को फिरोजपुर में प्रधानमंत्री के साथ जो कुछ भी हुआ, उसका वीडियो सोशल मीडिया पर एक साल पहले ही आ गया था. ये एक Animated Video है, जिसमें दिखाया गया है कि ट्रैक्टर पर आई उग्र भीड़ प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को फिरोजपुर जैसे ही एक Flyover पर घेर लेती है और जब इस भीड़ में शामिल लोग प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात जवानों को मारने के लिए दौड़ते हैं तो ये सारे सुरक्षाकर्मी वहां से भाग जाते हैं. प्रधानमंत्री अकेले असहाय इस भीड़ के बीच फंस जाते हैं और इसके बाद उन्हें चारों तरफ से घेर लिया जाता है. उनकी हत्या की कोशिश की जाती है.


ये Video सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Youtube पर 1 दिसम्बर 2020 को अपलोड किया गया था. यानी फिरोजपुर की घटना से 400 दिन पहले ही सोशल मीडिया पर ये बता दिया गया था कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी को एक फ्लाईओवर पर घेर लिया जाएगा. इस वीडियो को अपलोड करने वाले Youtube Acconut का नाम धक्का गेमिंग है जो अमेरिका से ऑपरेट होता है. ये एक और इत्तेफाक है कि खालिस्तानी संगठन Sikhs For Justice का दफ्तर भी इसी अमेरिका में हैं और इसका नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू भी यहीं ये ऑपरेट करता है. ये खालिस्तानी ताकतें, पंजाब ही नहीं बल्कि पंजाबियों के भी खिलाफ हैं.


प्रधानमंत्री को मारने की प्लानिंग?


वीडियो के Background में एक पंजाबी गाना भी चल रहा है, जिसकी कुछ लाइनों में ये कहा गया है कि प्रधानमंत्री पंजाब की जमीन पर पैर रख कर तो देखें फिर ये लोग उनका ऐसा हश्र करेंगे, जिसे कोई नहीं भुला पाएगा. इसी तरह के Animated Videos की इस समय सोशल मीडिया पर बाढ़ आई हुई है. हमने आपके लिए ऐसे तीन Videos निकाले हैं, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी को एक Flyover पर उग्र भीड़ के बीच फंसा हुआ दिखाया जाता है. इनमें एक वीडियो में उन्हें ट्रैक्टर से बांध कर Flyover से लटके हुए भी दिखाया गया है. इससे आप समझ सकते हैं कि अगर उस दिन प्रधानमंत्री का काफिला वापस दिल्ली नहीं लौटता तो उनके साथ Flyover पर क्या हो सकता था.


ये सारे Videos दिसम्बर 2020 और जनवरी 2021 के बीच अपलोड किए गए थे. यानी जब दिल्ली मे किसान आंदोलन चल रहा था. दूसरी बड़ी बात, इन सभी Videos के Background में गाने अलग अलग हैं, जिनमें प्रधानमंत्री को धमकी दी जा रही है और बताया जा रहा है कि उन्हें कैसे घेर कर मारा जाएगा.


पंजाब में असंतोष पैदा करने की कोशिश


इस समय सोशल मीडिया पर चारों तरफ एक खतरनाक Propaganda चल रहा है, जिसका मकसद है, किसी भी कीमत पर पंजाब और पंजाबियों को भारत से अलग कर दिया जाए. इसके लिए सोशल मीडिया पर ऐसे फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे हैं, जो पंजाब के लोगों में असंतोष पैदा कर सकते हैं. हमें एक ऐसा ही फर्जी वीडियो मिला है, जिसके लिए ये कहा जा रहा है कि 6 जनवरी यानी कल जब प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में Cabinet Committee on Security की बैठक हुई, तब इस बैठक में सिखों को सेना से बाहर करने पर चर्चा हुई थी. 


इस वीडियो में जो ऑडियो चल रहा है, वो दरअसल इस बैठक का है ही नहीं. ये ऑडियो Clubhouse App पर हुई एक Audio Chat का है, जिसमें कुछ लोग ऐसी बातें कह रहे थे. लेकिन पाकिस्तान की ISI ने इस ऑडियो को निकाल कर इसे भारत सरकार की बैठक के Background में लगा दिया. फिर ISI द्वारा सिख महिलाओं के नाम से ऐसे Twitter Handle क्रिएट गए, जिनसे इस फर्जी वीडियो को वायरल किया गया और पंजाब के लोगों में भारत के खिलाफ नफरत भरने की कोशिश की गई. 


गृह मंत्रालय ने शुरू की जांच


इन तमाम Videos और सबूतों को देखकर ऐसा लगता है कि इस घटना के पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है, जिसकी जांच अब शुरू हो गई है. आज केन्द्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने फिरोजपुर के उस Flyover पर जाकर स्थिति को समझने की कोशिश की, जहां प्रधानमंत्री का काफिला फंसा था. इस दौरान मंत्रालय की टीम के साथ फिरोजपुर पुलिस के IG और SSP मौजूद थे. इसके अलावा इस टीम ने पंजाब के Additional DGP, IGP, DIG फिरोजपुर और SSP समेत कुल 13 पुलिस अफसरों को समन भेजकर तलब किया है. इन पुलिस अफसरों से ये पूछा जा सकता है कि उन्होंने सड़क मार्ग खुलवाने के लिए कड़े कदम क्यों नहीं उठाए. क्योंकि ये जानकारी उन्हें पहले से थी कि पंजाब दौरे के समय प्रधानमंत्री की जान को खतरा हो सकता है.


इसका जिक्र प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाले Special Protection Group यानी SPG ने अपनी 3 जनवरी को लिखी एक चिट्ठी में भी किया था. ये चिट्ठी पंजाब पुलिस के DGP को लिखी गई थी. इसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री को ऐसे आतंकवादी और खालिस्तानी संगठनों से खतरा हो सकता है, जिन्हें पाकिस्तान का समर्थन हासिल है. इसमें इन खालिस्तानी संगठनों के नाम भी बताए गए हैं.


संवेदनशील इलाका है फिरोजपुर


SPG, पंजाब पुलिस के DGP को इस बात को लेकर भी सावधान करती है कि, जहां फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली होनी है, वो जगह पाकिस्तान से सिर्फ 14 से 15 किलोमीटर दूर है. इस इलाके में पिछले कुछ समय में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों द्वारा हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए Drones का सहारा लिया गया है. 2021 में यहां Drones से संबंधित 59 गतिविधियां हुईं थी, यानी ड्रोन अटैक की आशंका थी.


पिछले साल फिरोजपुर में दो बम धमाके भी हुए थे, इसलिए SPG ने पंजाब पुलिस के DGP को सारे इंतजाम पहले से तैयार रखने के लिए कहा था. ये भी आशंका जताई थी कि इस दौरे पर फिरोजपुर जैसी घटना हो सकती है.