नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज (मंगलवार) सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल (Balasaheb Vikhe Patil) की आत्मकथा का विमोचन करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी 'प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी' का नाम बदलकर 'लोकनेते डॉक्टर बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी' रखेंगे.


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कृषि और सहकारिता क्षेत्र को समर्पित था उनका जीवन
डॉक्टर बालासाहेब पाटिल कई बार लोकसभा के सदस्य रहे और 2016 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. उनकी आत्मकथा का नाम 'देह वीचवा करणी'  (Deh Vechwa Karani) (अपना जीवन किसी नेक काम के लिए समर्पित करना) है. आत्मकथा का शीर्षक बालासाहेब पाटील के जीवन के ऊपर बिल्कुल सटीक है, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन कृषि और सहकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनोखे कार्य के जरिए समाज के लाभ के लिए समर्पित किया था.


क्या है प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी
प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना 1964 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के लोनी में की गई थी, जिसका मकसद ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और लड़कियों को सशक्त बनाना था. यह संस्था छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रहा है.



पीएम मोदी ने रविवार को शुरू की थी ये योजना
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'सर्वे ऑफ विलेजेज एंड मैपिंग विद इम्प्रूव्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरियाज' (SVAMITVA) योजना की शुरुआत की थी. योजना की शुरुआत के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि यह योजना देशभर के गांवों में ऐतिहासिक बदलाव लाएगी और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण घरेलू मालिकों को स्वामित्व कार्ड प्रदान करना और प्रॉपर्टी कार्ड जारी करना है. उन्होंने कहा कि आज एक लाख लोगों को अपने घरों के लिए स्वामित्व पत्र मिला है. उन लोगों को बहुत बधाई, जिन्होंने अपना स्वामित्व कार्ड डाउनलोड किया है.


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