Atiq Ahmed के ऑफिस पर छापा, कैश और हथियार बरामद
Atiq Ahmed: पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि नोट गिनने वाली मशीन के साथ लाखों रुपये की नकदी बरामद हुई है. इसके अलावा 11 पिस्टल और दर्जनों जिंदा कारतूस भी मिले हैं. दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
माफिया डॉन से नेता बने अतीक अहमद के तोड़े गए प्रयागराज स्थित कार्यालय से भारी मात्रा में नकदी और हथियार बरामद किए हैं. पुलिस ने चकिया इलाके में ध्वस्त कार्यालय के एक हिस्से पर छापा मारा और पैसे और हथियार बरामद करने के लिए उसे खोद डाला. पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि नोट गिनने वाली मशीन के साथ लाखों रुपये की नकदी बरामद हुई है. इसके अलावा 11 पिस्टल और दर्जनों जिंदा कारतूस भी मिले हैं. दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
पत्नी और बेटों को गिरोह के सदस्यों के रूप में किया जाएगा नामित
वहीं, अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उनके तीन बेटों को अब पुलिस रिकॉर्ड में आईएस-227 के सदस्य रूप में दर्ज किया जाएगा. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शाइस्ता परवीन पुलिस रिकॉर्ड में इस गिरोह की सदस्य के तौर पर शामिल होने वाली पहली महिला होंगी. बसपा शासन के दौरान प्रयागराज पुलिस ने अतीक के गिरोह का चार्ट तैयार कर उसे आईएस-227 नाम दिया था.
अधिकारियों ने कहा, पुलिस जांच में आपराधिक गतिविधियों में उनकी सक्रिय संलिप्तता का पता चला है और इसलिए उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी. यह पहली बार होगा जब किसी राजनीतिक माफिया का पूरा परिवार अंतरराज्यीय गिरोह की सूची में शामिल होगा.
अब तक, अतीक का छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ परिवार के एकमात्र सदस्य था, जिसे आईएस -227 गिरोह के सदस्य के रूप में नामित किया गया था. शाइस्ता परवीन पर 24 फरवरी को प्रयागराज में वकील उमेश पाल की हत्या समेत चार मामले दर्ज हैं. शाइस्ता फरार है और उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित है.
उमेश पाल को गोली मारने वाले शूटरों में अतीक के तीसरे बेटे असद का नाम शामिल है. असद समेत सभी हमलावरों पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. अतीक के दो बड़े बेटे उमर और अली अलग-अलग अपराधों में पहले से ही लखनऊ और नैनी जेल में बंद हैं. पुलिस ने बताया कि अतीक का गिरोह देशभर में सक्रिय है.
अधिकारियों ने कहा, शुरुआत में अतीक के गिरोह में करीब 170 लोग थे. हालांकि, अब यह संख्या घटकर 132 रह गई है, क्योंकि कई लोग मारे गए हैं या निष्क्रिय हो गए हैं. 24 फरवरी को प्रयागराज में वकील उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस को पता चला कि अतीक और उसके भाई अशरफ ने अपने गैंग में कुछ नए सदस्यों को भर्ती किया है. अधिकारियों ने कहा कि गिरोह के नए सदस्यों की पहचान करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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