CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज सोमवार को सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को बड़ी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों की शक्तियों और किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार के बीच नाजुक संतुलन रखने की जरूरत है. 


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क्या बोले सीजेआई?


सीजेआई, सीबीआई के पहले निदेशक की स्मृति में 20वें डी पी कोहली व्याख्यान में मुख्य भाषण दे रहे थे. उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय क्षेत्र में, तलाश और जब्ती शक्तियों तथा व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों के बीच नाजुक संतुलन है और यह एक निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण समाज की आधारशिला है. उन्होंने कहा कि इस संतुलन के मूल में उचित प्रक्रिया को बनाए रखने की जरूरत है.


पूरी तरह से बदल गया है अपराध..


भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसियों को केवल उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र के खिलाफ अपराध शामिल हैं. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे प्रौद्योगिकी ने अपराध के इलाके को बदल दिया है और एजेंसी अब एक जटिल चुनौती का सामना कर रही है.


सीबीआई पर बड़ी जिम्मेदारी..


सीजेआई ने कहा, 'सीबीआई को भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसी के रूप में अपनी भूमिका से परे अलग-अलग आपराधिक मामलों की जांच करने के लिए कहा जा रहा है. यह सीबीआई पर अपने आदर्श वाक्य पर खरा उतरने की एक बड़ी जिम्मेदारी डालता है.'


सीजेआई की बड़ी नसीहत


उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जांच एजेंसियों को केवल उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के खिलाफ आर्थिक अपराधों से संबंधित हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि समाधान, जांच प्रक्रिया को डिजिटल बनाना है जो प्रथम सूचना रिपोर्ट दाखिल करने से शुरू हो सकती है. बड़ी संख्या में मामलों को देखते हुए, देरी को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की जरूरत है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)