Shiv Sena on President Election: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. पार्टी के सांसदों ने NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का फैसला किया है. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से आई है. इसका आधिकारिक ऐलान बाकी है.


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इस बीच, राष्ट्रपति चुनाव पर रणनीति तय करने के लिए एनडीए ने बैठक बुलाई है. मीटिंग में शिंदे गुट को भी न्यौता मिला है. बैठक दिल्ली में होगी. शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर इस बैठक में शामिल होंगे. 


द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में ज्यादातर सांसद 


बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव पर एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया.ज्यादातर सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया. यह जानकारी शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर ने दी. 


महाराष्ट्र में 18 लोकसभा के सांसदों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव से कलाबेन डेलकर भी शिवसेना सांसद हैं.  कीर्तिकर ने कहा कि बैठक में 13 सांसद भौतिक रूप से शामिल हुए, जबकि तीन अन्य - संजय जाधव, संजय मांडलिक और हेमंत पाटिल बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने नेतृत्व को अपने समर्थन की पुष्टि की.


कीर्तिकर ने कहा, ‘‘ज्यादातर सांसदों की राय थी कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना के दो लोकसभा सदस्य भावना गवली और श्रीकांत शिंदे (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे) बैठक में शामिल नहीं हुए. राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे. 


राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगा मंत्रिमंडल का विस्तार 


एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना विधायकों के खेमे ने संकेत दिया कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार राष्ट्रपति चुनाव के बाद हो सकता है.एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में तथा देवेंद्र फडणवीस ने 30 जून को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी केवल वे दोनों ही मंत्रिमंडल के सदस्य हैं.


शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘ मंत्रिमंडल का विस्तार करने में कोई परेशानी नहीं है.’’ केसारकर से सवाल किया गया था कि क्या शिंदे खेमे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के बीच चल रही कानूनी लड़ाई के कारण मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हो रही है.


केसरकर ने कहा, ‘‘ विधायक राष्ट्रपति चुनाव में व्यस्त होंगे...तो शपथ ग्रहण करने का समय किसके पास होगा? वे किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है.’’


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