नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुहर्रम माह के दसवें दिन इमाम हुसैन को याद किया. इमाम हुसैन मोहम्मद साहब के नवासे थे और कर्बला की जंग में बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हुए थे. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'हम इमाम हुसैन के बलिदान को याद करते हैं. उनके लिए सत्‍य और न्‍याय से बढ़कर कुछ नहीं था. समानता और निष्‍पक्षता पर उनका जोर उल्‍लेखनीय है, इससे बहुतों को ताकत मिलती है.'


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प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट


We recall the sacrifice of Imam Hussain (AS). For him, there was nothing more important than the values of truth and justice. His emphasis on equality as well as fairness are noteworthy and give strength to many.



मुहर्रम माह की 10वीं तारीख को इमाम हुसैन हुए थे शहीद
इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम मुहर्रम है. मुसलमानों के लिए यह सबसे पवित्र महीना होता है. और इस्लामी कैलेंडर वर्ष की शुरुआत भी इसी से होती है. मुहर्रम महीने की 10 तारीख को रोज-ए-आशुरा कहा जाता है. इसी दिन इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. मुहर्रम का यह सबसे अहम दिन माना गया है. इसे गम के महीने के तौर पर मनाया जाता है.


1400 साल पहले हुई थी कर्बला की जंग
आज से लगभग 1400 साल पहले तारीख-ए-इस्लाम में कर्बला की जंग हुई थी. ये जंग जुल्म के खिलाफ इंसाफ के लिए लड़ी गई थी. इस जंग में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को शहीद कर दिया गया था.


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