नई दिल्ली: भारत (India) अब दुनिया के लिए सिर्फ एक देश नहीं है, वो अब मार्गदर्शक है. मुश्किल के समय में अब दुनिया भारत की ओर देख रही है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सबसे बड़े मंच से दुनिया बदलने वाला संदेश देंगे. संयुक्त राष्ट्र (United Nation) संघ की 75वीं वर्षगांठ से पहले प्रधानमंत्री मोदी का ये भाषण सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


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गलवान में चीन को सिखाया सबक तो बीजिंग से वॉशिंगटन तक गूंज सुनाई दी. आज प्रधानमंत्री मोदी को ट्रंप और पुतिन भी सुनेंगे. दुनिया इस वक्त बड़े संकट से गुज़र रही है. एक ओर कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण दुनिया पर भारी है तो दूसरी ओर चीन की विस्तारवादी नीतियां दुनिया को जंग की तरफ धकेल रही हैं.


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दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवाद को रोकने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे देश कमर कस चुके हैं, लेकिन चीन का अड़ियल रवैया अब भी संकट बढ़ा रहा है. अब इस विश्वव्यापी संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के मंच से दुनिया को सबसे बड़ा संदेश देंगे. बुद्ध की धरती से, बापू के देश से दुनिया को एक बार फिर संकट से लड़ने की वैचारिक संजीवनी मिलेगी.


प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र ECOSOC के उच्च-स्तरीय खंड के Valedictory में मुख्य भाषण देंगे. भारत की सुरक्षा परिषद में जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का यह पहला भाषण होगा. 17 जून को भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया था. अब दुनिया को इंतजार है विश्व गुरू भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, जब संयुक्त राष्ट्र में उनका संवाद दुनिया को नई राह दिखाएगा.