नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री राहत कोष को दिए गए एक लाख रु. के सशर्त दान को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने वापस लौटा दिया है। पीएमओ सशर्त दान स्वीकार नहीं करता है और इस दान के साथ यह शर्त जोड़ दी गई थी कि यह राशि देश के ‘सबसे गरीब’ व्यक्ति को दी जानी चाहिए।


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यह मामला मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आर के माथुर के सामने आया था जिसमें एक आरटीआई कार्यकर्ता दीप चंद्र शर्मा ने पीएमओ को दिए गए एक लाख रु. के दान की स्थिति जाननी चाही थी। 10 जून, 2015 को दिए गए इस दान के साथ एक पत्र भी था जिसमें लिखा गया था कि यह राशि देश के सबसे गरीब व्यक्ति को दी जाए अन्यथा यह उन्हें वापस लौटा दी जाए।


पीएमओ को भेजे गए आरटीआई आवेदन में सीकर के रहने वाले शर्मा ने अपने चेक के संबंध में सूचना मांगी थी कि यह राशि किस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल की गई, साथ ही चेक की रसीद भी मांगी गई थी।


प्रधानमंत्री कार्यालय ने सीआईसी को बताया कि यह दान आवेदक को 18 मार्च, 2016 को लौटा दिया गया है और इसकी वजह यह है कि यह ‘‘सर्शत दान’’ था।


प्रधानमंत्री राहत कोष में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘सशर्त दान, जिनमें दानदाता ने विशेष तौर पर उल्लेख किया हो कि उसका दान किसी विशेष उद्देश्य के लिए ही इस्तेमाल किया जाए, वह इस कोष में स्वीकार्य नहीं है।’


माथुर ने अपने आदेश में कहा है, ‘प्रतिवादी (पीएमओ) ने कहा है कि यह पता चलने पर कि दिया गया चेक सर्शत दान है, उसकी वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। प्रतिवादी का कहना है कि अपीलकर्ता द्वारा दान की गई राशि उसे लौटा दी गई है। इसलिए अपीलकर्ता के दान के संबंध में कोई सवाल उठता ही नहीं है।’ पीएमओ पर जुर्माना लगाने की शर्मा की याचिका भी आयोग द्वारा रद्द कर दी गई।