इंदौर के एक प्राइवेट फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल की एक अस्पताल में शनिवार तड़के इलाज के दौरान मौत हो गई. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.  पांच दिन पहले कॉलेज परिसर में एक पूर्व छात्र ने जिंदा जला दिया था.


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दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर कर जला दिया
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) भगवत सिंह विरदे ने बताया कि सिमरोल थाना क्षेत्र स्थित बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) ने कॉलेज की प्रिंसपिल डॉ. विमुक्ता शर्मा (54) को इस संस्थान के परिसर में 20 फरवरी को दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला दिया था.


विरदे ने बताया कि करीब 80 प्रतिशत झुलसीं महिला प्राचार्य अस्पताल में पिछले पांच दिनों से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थीं और चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.


पुलिस हिरासत में है विरदे
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि श्रीवास्तव को वारदात वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था और फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है. उन्होंने बताया कि साजिश के तहत जघन्य वारदात को अंजाम देने के आरोपी के खिलाफ जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया.


पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला प्राचार्य के बयान के आधार पर श्रीवास्तव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307(हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था और प्राचार्य की मौत के बाद इसमें धारा 302 (हत्या) जोड़ी जा रही है.


आरोपी ने पुलिस को क्या बताया
गौरतलब है कि पुलिस ने वारदात की वजह को लेकर श्रीवास्तव से शुरुआती पूछताछ के हवाले से बताया था कि उसने बी. फार्मा. की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन कई बार मांगे जाने के बावजूद बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी का प्रबंधन उसे उसकी अंकशीट नहीं दे रहा था.


बहरहाल, श्रीवास्तव के इस दावे को कॉलेज मैनेजमेंट गलत बता रहा है. प्रबंधन का कहना है कि कथित तौर पर आपराधिक प्रवृत्ति का यह पूर्व छात्र कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी अपनी अंकसूची लेने कॉलेज नहीं आ रहा था.


(इनपुट - भाषा)


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