नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि सभी निजी मेडिकल कालेज साझा प्रवेश परीक्षा एनईईटी के दायरे में आयेंगे । इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उस अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिये जिसमें राज्य बोर्ड को एक साल के लिए एनईईटी से बाहर करने की बात कही गई है। नड्डा ने इस बात को रेखांकित किया कि अध्यादेश ने साझा चिकित्सा प्रवेश परीक्षा को ठोस और विधिक सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राज्यों के छात्रों को स्नातक मेडिकल परीक्षा में इस वर्ष (2016-17) में उपस्थित होने का मौका मिलेगा ।


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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘ सभी निजी संस्थान और मेडिकल कालेज एनईईटी के दायरे में आयेंगे। राज्य सरकारों को स्नातक सीटें भरने के लिए या तो अपनी परीक्षा खुद आयोजित करने या एनईईटी अपनाने का विकल्प रहेगा । हालांकि स्नातकोत्तर कोर्स के लिए 2017-18 सत्र की परीक्षा एनईईटी के तहत ही इस वर्ष दिसंबर में होगी । ’ नड्डा ने संवाददाताओं को बताया, ‘ राज्यों के पास विकल्प होगा । करीब पांच राज्यों ने परीक्षा खुद ली है। विभिन्न राज्य बोर्डों के तहत 6.5 लाख छात्र परीक्षा में बैठें हैं। कुल 6.25 लाख छात्र एनईईटी 1 में उपस्थित हुए हैं। ’ उन्होंने कहा, ‘ उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों ने अपनी परीक्षा टाल दी है जबकि बिहार ने एनईईटी का विकल्प चुना है। उनके पास विकल्प है। लेकिन ये सीटें या तो एनईईटी द्वारा या राज्य सरकारों के तहत भरी जानी है। ’