गोरखपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में प्रॉपर्टी कारोबारी की मौत की घटना (Manish Gupta Death Case) ने यूपी पुलिस (UP Police) को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. 27 सितंबर की रात गोरखपुर के एक होटल में 6 पुलिसवालों की टीम चेकिंग करने के लिए गई थी. चेकिंग के दौरान कारोबारी मनीष गुप्ता और उनके साथियों की पुलिस से बहस हो गई. इसके बाद कानपुर के रहने वाले मनीष की मौत हो गई.


मनीष की मौत का सच क्या है?


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परिवार का आरोप है कि पुलिसवालों ने मनीष की हत्या की. हालांकि पुलिस कह रही है कि पैर फिसलने से मनीष की मौत हुई. सच क्या है इसकी जांच हो रही है, लेकिन ज़ी न्यूज़ आज आपको 27 सितंबर की रात की सच्चाई बताएगा. ज़ी न्यूज़ ने उन दो चश्मदीदों को ढूंढ लिया है, जो उस रात मनीष गुप्ता के साथ होटल के कमरे में मौजूद थे. चश्मदीदों ने ज़ी न्यूज पर बड़ा खुलासा किया है.


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होटल में उस रात क्या हुआ था?


चश्मदीद हरबीर ने बताया कि पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता की पिटाई की थी. मनीष गुप्ता के सवाल पूछने पर पुलिसवाले भड़क गए थे. पुलिसवालों ने थाने में बंद करने की धमकी दी थी. आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने पीटने का आदेश दिया था. मनीष गुप्ता को लिफ्ट से घसीट कर पुलिसवाले ला रहे थे. पिटाई के बाद मनीष की नाक से खून बह रहा था.


पुलिसवालों और मनीष गुप्ता की झड़प हुई थी


ज़ी न्यूज़ ने हरियाणा के रहने वाले एक और चश्मदीद प्रदीप को भी ढ़ूंढ निकाला है. प्रदीप भी घटना की रात उसी कमरे में मौजूद था, जहां पुलिसवालों और मनीष गुप्ता की झड़प हुई थी. प्रदीप ने बताया कि वो थकान की वजह से गहरी नींद में था. प्रदीप ने बताया कि होटल में सारे आईडी प्रूफ जमा करने के बावजूद पुलिस की टीम रात 12 बजे के करीब जांच के लिए आई थी.



गोरखपुर के होटल में व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया. लेकिन यूपी लॉ एंड ऑर्डर ADG प्रशांत कुमार का एक बयान अब इस मामले को नया मोड़ दे सकता है क्योंकि ADG प्रशांत कुमार के बयान के मुताबिक, मनीष की मौत चोट लगने से तो हुई है. लेकिन ये चोट पुलिस की मार से नहीं लगी बल्कि ये चोट मनीष को गिरने से लगी थी.


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