Wrestlers Protest In Delhi: भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों को 28 मई के दिन नए संसद भवन की तरफ मार्च करने के दौरान पुलिस ने रास्ते में रोक दिया और कई पहलवानों को डिटेन कर लिया गया. इसके बाद धरना देने वाले टॉप पहलवानों ने फैसला लिया है कि वह अपना मेडल हरिद्वार की गंगा नदी में बहा देंगे. पहलवानों के इस ऐलान के बाद खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है जिसमें मंत्रालय ने कहा है कि यह मेडल सिर्फ खिलाड़ियों का नहीं है बल्कि यह पूरे देश का है और पहलवानों की जो भी शिकायत है, उस पर जांच चल रही है. हालांकि, मौके पर हरिद्वार में खुद नरेश टिकैत पहुंच गए और उन्होंने पहलवानों को समझाया है. नरेश टिकैत ने पहलवानों से 5 दिन का समय मांगा है और उनके मेडल वापस ले लिए हैं.


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पहलवान पहुंचे हरिद्वार


महिला पहलवानों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के विरोध में खिलाड़ी आज अपना मेडल गंगा में प्रवाहित करने वाले थे. इसे लेकर पहलवानों ने ट्वीट भी किया था. उन्होंने कहा था कि यह मेडल देश के लिए पवित्र है इसलिए इसे पवित्र गंगा में ही बहा देना चाहिए. मेडल को गंगा में बहाने के लिए साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया हरिद्वार पहुंच चुके थे. हालांकि नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. इसके बाद पहलवान दिल्ली के इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली पुलिस ने अभी इंडिया गेट के सामने अनशन की इजाजत नहीं दी है.



खेल मंत्रालय का बयान


पहलवानों द्वारा मेडल को गंगा नदी में बहाने को लेकर मंत्रालय द्वारा प्रतिक्रिया दी गई. मंत्रालय ने कहा कि यह देश की धरोहर है सिर्फ पहलवानों का इस पर हक नहीं है. शाम 6:00 बजे पहलवानों ने मेडल को गंगा नदी में प्रवाहित करने का ऐलान किया था. इसके बाद दिल्ली के इंडिया गेट पर आमरण अनशन के बात कही थी. आपको बता दें कि पहलवानों के समर्थन में बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और उनके समर्थक वहां मौजूद हैं. गौरतलब है कि देश के टॉप पहलवान 23 मई से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा सांसद के गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं. पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह यौन उत्पीड़न संबंधित गंभीर आरोप लगाए हैं.